Lucknow Nagar Nigam Ward No.38: लखनऊ विद्यावती द्वितीय वार्ड के पार्षद कौशलेन्द्र द्विवेदी, काम को लेकर जन फोन आते हैं, खुश होता हूँ

Lucknow Nagar Nigam Ward No.38 Vidyavati 2nd Parshad: क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत और उनका निर्माण हमारे महत्वपूर्ण कामों में से एक है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2022-10-12 13:37 GMT

Parshad Kaushalendra Dwivedi 

Lucknow Nagar Nigam Ward No.38 Vidyavati 2nd Parshad: विद्यावती द्वितीय वार्ड के पार्षद द्वारा कराए गए प्रमुख कार्य। वहां की स्वच्छता के लिए उठाए गए प्रमुख कदम। विकास कार्य करने में आने वाली प्रमुख बाधाएं और उनके राजनीतिक सफर जैसे तमाम विषयों पर जानकारी प्राप्त करने के लिए न्यूज़ट्रैक विद्यावती द्वितीय वार्ड पहुंची । जहां हमारे रिपोर्टर व पार्षद के बीच हुए प्रमुख बातचीत के कुछ अंश-

प्रश्न- इन 5 सालों में आपने अपने वार्ड मैं कौन कौन से प्रमुख कार्य करवाएं हैं?

उत्तर- सबसे पहले मैं अपने देवतुल्य जनता से नमस्कार करता हूं और धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने वार्ड की सेवा के लिए हमें पार्षद पद के लिए चुना। मैंने पार्षद बनने के पहले ही दिन यहां की मलिन बस्तियों में झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। वार्ड की सभी सड़कों की मरम्मत कराई। जहां पर सड़कें नहीं थी वहां पर बनवाई। डामर की सड़के जल्दी खराब हो जाती है इसलिए हमने इंटरलॉकिंग के माध्यम से सड़के बनवाई। लाइटिंग की व्यवस्था की। सीवेज सिस्टम की मरम्मत कराई और जहां पर बनवाने की जरूरत थी बनवाया भी।

प्रश्न- आप का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या रहा?

उत्तर- क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत और उनका निर्माण हमारे महत्वपूर्ण कामों में से एक है।

प्रश्न- ऐसा कोई कार्य बचा है जिसका आपको मलाल हो कि अभी नहीं कर पाए लेकिन अगली बार अगर जीतकर आते हैं तो सबसे पहला कार्य करूंगा?

उत्तर- अभी तक तो मैंने सुधारीकारण का कार्य किए हैं । लेकिन अगर अब मौका मिलता है तो सौंदर्यीकरण के लिए कार्य करूंगा। पुराने नालों की मरम्मत करना है। ग्रीन बेल्टों को विकसित कर पार्कों का स्वरूप देना है। जहां लोग घूम टहल सके।

प्रश्न- जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ तालमेल के लिए आप क्या करते हैं?

उत्तर- जनता के लिए मैं 24 घंटे उपलब्ध रहता हूं। मैंने अपने नंबर जगह-जगह बांट रखे हैं, पोस्टरों में लगाए हैं, ग्रुप बनाएं हैं । जिसके माध्यम से किसी को कोई तकलीफ होती है । तो डायरेक्ट हमें फोन के माध्यम से सूचित कर देता है और मैं उसका निराकरण करता हूं। हमें अच्छा भी लगता है जब कोई अपनी समस्या बताता है और मैं उसका निराकरण करने का भरसक प्रयास करता हूं। मेरा कार्यालय सुबह 8 बजे से खुल जाता है । जहां हमारे कर्मचारी होते हैं । क्षेत्र से आए लोगों के समस्त समस्याओं का निराकरण किया जाता है चाहे मैं रहूं या ना रहूं। मैं समस्याओं के निराकरण के लिए लोगों के घर भी जाता हूं। लगभग रोज प्रत्येक घर के किसी न किसी प्रतिनिधि से मेरी मुलाकात हो जाती है।

प्रश्न- राजनीति में आपका कब और कैसे आना हुआ?

उत्तर- हम इटावा के एक साधारण परिवार से लखनऊ में पढ़ने के लिए आए । हमारे पिताजी क्लर्क थे। हमारे मन में शुरू से ही समाज सेवा के करने का शौक था। लेकिन जब मैंने देखा कि समाजसेवा बिना पावर के नहीं होती तब मैं राजनीति में आया। जब मैं राजनीति में आया तो उस समय अटल बिहारी बाजपेई जी से प्रेरित होकर यहां मैं उनके साथ काम करने लगा। 1996 मैं युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बना। मैं हमेशा से फल की चिंता किए बगैर पार्टी के लिए सेवा कार्य में लगा रहा। पार्टी ने हमें पार्षद पद के लायक समझा। आज मैं पार्षद हूं। यह हमारी पूरी राजनीतिक यात्रा है।

प्रश्न- जन सेवा और राजनीति में क्या बेसिक अंतर है?

उत्तर-राजनीति से पावर मिलता है। पावर से जनसेवा बहुत आसान हो जाता है। जैसे मैं पार्षद बना इसके बाद हमें अपने वार्ड में सफाई सीवर सिस्टम दुरुस्त करने जैसे तमाम कार्यों का अधिकार मिला और मैंने किया।

प्रश्न- राजनीति में आने के बाद कौन-कौन सी प्रारंभिक कठिनाइयां आई?

उत्तर- कठिनाइयां बहुत होती हैं। हर एक मां बाप चाहते हैं कि मेरा लड़का पढ़े-लिखे सरकारी नौकरी करें, बिजनेस करें और शादी ब्याह करके घर बसाए। नेता बनना इतना आसान नहीं है। जब कोई इमरजेंसी होती है, जब कठिनाइयां सामने पड़ जाती हैं तब उसे केवल नेता ही याद आता है। उस वक्त जो तमाम नाते रिश्तेदार जो दूर होते हैं वह काम नहीं आते। नेता की अपनी आय निश्चित नहीं होती है । इसलिए वह परिवार पर निर्भर होता है और परिवार से भी बहुत कुछ सहना पड़ता है। इन सब कठिनाइयों को सोचकर करके जब आगे बढ़ता है तब उसे समाज सम्मान देता है।

प्रश्न- आपके प्रेरणा स्रोत कौन रहे हैं?

उत्तर- राजनीति में प्रेरणा स्रोत अपनी इच्छा होती है। पहले प्रेरणा स्रोत हमारे अटल बिहारी बाजपेई रहे और और राजनीतिक तौर पर जो गुरु मिले वो थे सुरेश चंद तिवारी। जिन के सानिध्य में रहकर राजनीति के गुर सीखे। इसके बाद हमारे सांसद जी कौशल किशोर से हमने संघर्ष करना सीखा।

प्रश्न- आपने अपने वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए क्या प्रमुख कार्य किए?

उत्तर- अपने वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए मैंने एक स्वयं सेवकों का एक ग्रुप बनाया । सफाई के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है। कोई भी व्यक्ति जहां साफ सफाई की व्यवस्था नहीं की जा रही है । व्हाट्सएप पर फोटो डालता है । तुरंत उसका निराकरण किया जाता है। जो लोग हमें ज्यादा फोन करते हैं काम के लिए मैं उनसे ज्यादा प्रेरित होता हूं और हमें बहुत अच्छा भी लगता है।

प्रश्न- क्या आप पार्षद पद से संतुष्ट हैं या किसी अन्य पद के लिए तैयारी कर रहे हैं?

उत्तर- यहां पर पार्टी तय करती है कि किसको कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी अगर हमें कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपती है, तो मैं तैयार हूं।

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