Lucknow का आशीष PM मोदी का 'जबरा फैन', उसके पास प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का विशाल संग्रह
Lucknow News Today: लखनऊ के आशीष वर्मा के पास PM मोदी को मिले उपहारों का विशाल संग्रह है। आशीष चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं।
Narendra Modi Gifts in Lucknow: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अनूठी कार्यशैली से प्रभावित लखनऊ के आशीष वर्मा (Ashish Verma) के पास पीएम मोदी को मिले उपहारों का विशाल संग्रह है। आशीष पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। वह प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की ऑनलाइन बिक्री के दौरान अब तक 14 आइटम्स को करीब 2 लाख रुपए में खरीद चुके हैं। इनमें अंगवस्त्र, धातु की वस्तुएं, भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति, भारत माता की मूर्ति, पद्मनाभस्वामी मंदिर का प्रतीक चिह्न, फोटो फ्रेम, पेन स्टैंड और स्मृति चिह्न समेत दूसरी चीजें शामिल हैं।
आशीष बताते हैं कि उन्हें जब यह पता चला कि प्रधानमंत्री को मिले उपहारों को ई-नीलामी के माध्यम से खरीदा जा सकता है और उस धन का उपयोग नमामि गंगे परियोजना के लिये होगा तो उन्हें लगा कि इन उपहारों को खरीदना उनके लिये एक पंथ दो काज जैसा होगा। इस तरह जहां उन्हें अमूल्य उपहार हासिल होंगे, वहीं दूसरी ओर उनके धन का उपयोग राष्ट्र हित में होगा। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने विभिन्न अवसरों पर भेंट में मिले उपहारों की नीलामी करके धन अर्जित करने और उसे देशहित में लगाने की जो नायाब शुरुआत की है, उसकी सभी जगह प्रशंसा हो रही है।
ई-नीलामी के दौरान खरीदे 'उपहार'
आशीष बताते हैं कि प्रधानमंत्री को भेंट की गईं वस्तुएं राष्ट्रीय धरोहर हैं। उन्होंने ई-नीलामी के दौरान जब प्रधानमंत्री को उपहार में मिला पेन स्टैंड देखा, जिसमें 16 भाषाओं में भारत लिखा हुआ है और वो खरीदने के लिये उपलब्ध है तो उन्होंने तुरंत इसको खरीदने का निर्णय लिया। आशीष बड़े गर्व के साथ बताते हैं कि 'आज वह पेन स्टैंड मेरे कार्यालय की मुख्य मेज पर रखा है'। वहीं, आशीष ने ई नीलामी के जरिए भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को खरीदने का निर्णय इसलिये लिया, क्योंकि यह मूर्ति बेहद खूबसूरत दिख रही थी और ऐसी दिव्य और भव्य मूर्ति बाजार में कहीं भी उपलब्ध नहीं थी। आशीष ने करीब 41 राउंड की बोली के बाद मां लक्ष्मी का स्टेचू करीब 55,000 रुपये और करीब 50 राउंड की बोली के बाद श्रीराम की मूर्ति करीब 15 हजार रुपये में खरीदी।
अपने कार्यालय में सजा रखा है आशीष ने
ई नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाकर हासिल किए गए इन नायाब उपहारों को आशीष ने अपने कार्यालय के मुख्य कक्ष में सजा के रखा हुआ है, जहां पर हर आने जाने वाले की नजर इन पर पड़ती है। लोग इन सुंदर उपहारों को देखकर उनके बारे में पूछते हैं और इस पर वह बड़े गर्व के साथ बताते हैं कि प्रधानमंत्री के हाथों से स्पर्श की गई ये सभी वस्तुएं उन्होंने ई नीलामी के माध्यम से हासिल की हैं और देश के हाथों को मजबूत किया है।
ई-नीलामी से खरीदना आसान
आशीष बताते हैं कि, नीलामी की प्रक्रिया को इंटरनेट के माध्यम से काफी आसान बना दिया गया है। कोई भी सामान्य व्यक्ति नीलामी की प्रक्रिया में शामिल होकर अपनी मनपसंद वस्तुएं खरीद सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने कई लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे आगामी नीलामी में भाग लें और वस्तुओं को खरीद कर राष्ट्र निर्माण में योगदान करें। आशीष बड़े गर्व के साथ कहते हैं कि नीलामी में खरीदी गई वस्तुओं को वे बेचेंगे नहीं बल्कि उन्हें अपने पास संभाल कर रखेंगे।
पीएम की इस अदा के हैं कायल
आशीष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा के कायल हैं। वो बताते हैं कि कई बार उन्होंने देखा है कि प्रधानमंत्री कई दिनों के विदेशी दौरे पर रहते हैं और भारत आते ही सीधे संसद या लोकहित के कार्य में बिना आराम किये लग जाते हैं। आशीष कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अद्वितीय प्रतिभा के धनी हैं और उन जैसा आज तक कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ है। आशीष का मानना है कि प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्तित्व के धनी हैं जिनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
नमामि गंगे मिशन में जाती है नीलामी से हुई आय
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने खुद को मिले सभी उपहारों को नेक काम के लिए नीलाम करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तुत किए गए प्रतिष्ठित उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी का तीसरा दौर 17 सितंबर से 7 अक्टूबर, 2021 तक वेब पोर्टल www.pmmementos.gov.in के माध्यम से आयोजित किया गया था। ई-नीलामी की आय नमामि गंगे मिशन में जाती है।
इन सामानों की लगी उच्च बोली
उच्चतम बोली मूल्य के मामले में नीरज चोपड़ा का भाला (1.5 करोड़ रुपये), भवानी देवी की स्व-हस्ताक्षरित तलवार (1.25 करोड़ रुपये), सुमित अंटिल का भाला (1.002 करोड़ रुपये), टोक्यो 2020 पैरालंपिक दल द्वारा स्वहस्ताक्षरित अंगवस्त्र (1 करोड़ रुपये) और लवलीना बोरगोहेन के मुक्केबाजी वाले दस्ताने (91 लाख रुपये) प्रमुख थे। उन्होंने बताया कि, इस तीसरे दौर में 1348 स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के लिए रखे गए थे। ई-नीलामी से प्राप्त राशि नमामि गंगे परियोजना के लिए दिया जाएगा, इस बात ने प्रतिभागियों को बोली लगाने और नेक काम में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। इस पहल ने नागरिकों में राष्ट्र निर्माण में भागीदारी की भावना जगाई।