Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में SPSS और मेटा-विश्लेषण पर कार्यशाला: सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण की नई शुरुआत

लखनऊ विश्वविद्यालय में यह कार्यशाला SERB-SSR पहल के अंतर्गत आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों के डेटा विश्लेषण और मेटा-विश्लेषण कौशल को बढ़ाना है।;

Update:2025-03-18 21:23 IST

Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान बोर्ड-वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी पहल के तहत एक दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। बता दें कि यह कार्यशाला SPSS और मेटा-विश्लेषण पर आधारित थी। जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण में आवश्यक कौशल प्रदान करना और उनके अनुसंधान क्षमताओं को सशक्त बनाना है।

सांख्यिकीय विश्लेषण की अहमियत पर विचार

कार्यशाला के उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर एम. सिराजुद्दीन ने अनुसंधान में सांख्यिकीय विश्लेषण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि डेटा की सही व्याख्या वैज्ञानिक खोजों के लिए अत्यंत आवश्यक है और यह अनुसंधान के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने प्रतिभागियों को उन्नत सांख्यिकीय तकनीकों को सीखने और इन्हें अपने अध्ययन क्षेत्रों में लागू करने के लिए प्रेरित किया।

व्यावहारिक सत्रों के माध्यम से ज्ञानवर्धन

कार्यशाला के पहले दिन प्रोफेसर एम. सिराजुद्दीन ने सांख्यिकीय विश्लेषण और इसके आधुनिक अनुसंधान में महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद, डॉ. शांभवी मिश्रा, सांख्यिकीय विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने SPSS सॉफ़्टवेयर के व्यावहारिक उपयोग पर एक सत्र आयोजित किया। इस सत्र में प्रतिभागियों को सांख्यिकीय विधियों के वास्तविक दुनिया में उपयोग का अनुभव प्राप्त हुआ।

SERB-SSR पहल का उद्देश्य और भविष्य की दिशा

यह कार्यशाला SERB-SSR पहल के अंतर्गत आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों के डेटा विश्लेषण और मेटा-विश्लेषण कौशल को बढ़ाना है। इस पहल का लक्ष्य है कि प्रतिभागी उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान कर सकें और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में अपने योगदान को सशक्त बना सकें।

SERB-SSR पहल अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोगात्मक शोध और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान में लागू किया जा सके। इस पहल के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय अपने छात्रों और संकाय को अत्याधुनिक संसाधन और शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस खास मौके पर प्रमुख अतिथि के रूप में प्रोफेसर एम. सिराजुद्दीन, जूलॉजी विभाग के प्रमुख, प्रोफेसर शीला मिश्रा, विज्ञान संकाय की डीन, और प्रोफेसर शैली मलिक, कार्यशाला की आयोजक और जूलॉजी विभाग की फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे।

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