RT-PCR Test in Lucknow: लखनऊ में आरटीपीसीआर टेस्ट के साथ ट्रूनेट और एंटीजन की कीमतें तय, जानें कितना करना होगा भुगतान
RT-PCR Test Price in Lucknow: निजी लैब पर RTPCR टेस्ट कराने के लिए अधिकतम 700 रूपये वही, अगर टेस्ट के लिए घर पर सैंपल लेने आएंगे तो उस स्थिति में उन्हें 900 रूपये भुगतान किया जाएगा।
RT-PCR Price in Lucknow: कोरोना एकबार फिर खबरों में लौट चुका है। तमाम सरकारें और हेल्थ एजेंसियां लोगों से अनावश्यक यात्रा से परहेज करने की अपील कर रही हैं। लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सामाजिक दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा जा रहा है। कोरोना के नए खतरे को भांपते हुए एकबार फिर टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। लिहाजा लैबों की मनमानी रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से जुड़ीं सभी प्रकार के टेस्टों की कीमत तय कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, निजी लैब पर RTPCR टेस्ट कराने के लिए अधिकतम 700 रूपये का भुगतान करना होगा। वही, अगर निजी लैब संचालक RTPCR टेस्ट के लिए घर पर सैंपल लेने आएंगे तो उस स्थिति में उन्हें 900 रूपये भुगतान किया जाएगा। लखनऊ के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित सीएमओ की कमेटी ने कोरोना की जांच दरों को तय किया है। निर्धारित दर से अधिक रकम वसूले जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एंटीजन टेस्ट के लिए लगेंगे इतने रूपये
RTPCR टेस्ट की तरह स्वास्थ्य विभाग ने ट्रूनेट और एंटीजन टेस्ट की कीमतें भी तय कर दी हैं। एंटीजन टेस्ट के लिए मरीजों को 250 रूपये और ट्रूनेट जांच की अधिकतम फीस 1250 तय की गई है। यदि कई व्यक्ति घर बैठे यह जांच कराना चाहता है तो उसे 200 रूपये अधिक अदा करने होंगे।
कोरोना के दौरान सीटी स्कैन कराना भी जरूरी होता है। लिहाजा यहां भी मनमानी पर नकेल कसने के लिए इसकी फीस तय कर दी गई है। 16 स्लाइड के सीटी स्कैन के लिए अधिकतम फीस 2 हजार रूपये तय की गई है। 16 से 64 स्लाइड के लिए अधिकतम 2250 रूपये लिए जाएंगे। वहीं, 64 से अधिक स्लाइड की जांच के लिए मरीज से अधिकतम 2500 रूपये फीस ही वसूली जी सकेगी।
मनमानी करने वालों पर चलेगा कानून का डंडा
राजधानी लखनऊ में RTPCR के साथ ट्रूनेट और एंटीजन टेस्ट की कीमतें तय करने वाली कमेटी ने स्पष्ट कर दिया है कि तय कीमतों के बाद यदि कोई निजी पैथोलॉजी व डायग्नोसिस्ट सेंटर मनमानी करते हुए पाया जाता है तो उसके विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत एक्शन लिया जाएगा।
बता दें कि पूर्व में भी कोरोना लहर के दौरान जब निजी लैबों द्वारा कोविड जांच के नाम पर अवैध तरीके से धन उगाही करने का मामला सामने आया था तब भी सरकार ने कोरोना टेस्ट की दरें तय कर दी थीं।