Lucknow University: भारत को जी-20 देशों की अध्यक्षता मिलने पर लखनऊ विश्वविद्यालय ने मनाया उत्सव

Lucknow University: वक्ताओं ने प्रौद्योगिकी से प्रेरित होकर अगले दशक में काम के भविष्य पर जोर दिया। सिन्हा ने इंडस्ट्री 4.0 की अवधारणा के साथ-साथ इसके रास्ते में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2022-12-01 14:13 GMT

Lucknow University celebrates India presidency of G 20 countries

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय ने 01 दिसंबर, 2022 को मालवीय हॉल में जी-20 में भारत के अध्यक्षता का उत्सव मनाने के लिए "Future of work: Industry 4.0, Innovation and 21st century skills" पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। पैनल चर्चा के वक्ता शिशिर सिन्हा, एसोसिएट एडिटर, द हिंदू बिजनेस लाइन और जयंत कृष्णन, सीईओ, फाउंडेशन फॉर एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पूर्व सीईओ और ईडी और सीओओ, एनएसडीसी, प्रधान मंत्री कौशल भारत मिशन थे।

इंडस्ट्री 4.0 की अवधारणा पर हुई चर्चा

चर्चा जी-20 के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों को संवेदनशील बनाने और कौशल विकास के माध्यम से देश में आर्थिक विकास के अवसर पर केंद्रित थी जो भारत को ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वक्ताओं ने प्रौद्योगिकी से प्रेरित होकर अगले दशक में काम के भविष्य पर जोर दिया। सिन्हा ने इंडस्ट्री 4.0 की अवधारणा के साथ-साथ इसके रास्ते में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा कार्यबल के कौशल के उन्नयन पर भी चर्चा की गई।


कृष्णन ने दुनिया भर के विभिन्न संगठनों के उदाहरणों के माध्यम से कौशल में बदलाव पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने इस क्षेत्र में शोध पर जोर दिया और कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता अवसरों की सोने की खान है। इसे शिक्षा व्यवस्था व प्रणाली में परिवर्तन कर प्राप्त किया जा सकता है।

इंडस्ट्री-4.0 के साथ समाज 4.0 जरूरी

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. आलोक कुमार राय ने अपने अध्यक्षीय भाषण दिया, जिसमें उन्होंने इंडस्ट्री 4.0 की प्रस्तावना के रूप में समाज 4.0 की बदलती गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया और कहा "जी -20 उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जो तैयारी शिक्षा संस्थानों को चाहिए उसकी कुंजी हर व्यक्ति विशेष के पास है" अर्थात इंडिविजुअल तक पहुंचने वाली शिक्षा प्रणाली में बदलाव व बेहतरी से ही जी-20 के शैक्षिक उद्देश्य को पूरा किया जा पाएगा। वहीं घनश्याम शाही ने "वसुधैव कुटुम्बकम" के माध्यम से विकास के भारतीय मॉडल को प्रस्तुत किया।

यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छह विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था- व्यापार प्रशासन विभाग, वाणिज्य विभाग, व्यवहारिक अर्थशास्त्र विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस और भाऊराव देवरस शोध पीठ।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, प्रो. पूनम टंडन, डीन, वाणिज्य संकाय, विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य और छात्र बड़ी संख्या में पैनल चर्चा में शामिल हुए।

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