Lukcnow University: महिला दिवस पर हुई टीबी पर चर्चा, 40-42 प्रतिशत हैं महिला रोगी'
Lukcnow University: 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के मौके पर 'क्षयरोग उन्मूलन एवं महिलाओं की भूमिका पर' विशेष वार्ता हुई।
Lukcnow University: "टीबी की महिला रोगियों की संख्या 40-42% है। मुख्य रूप से टीवी का मरीज किसी भी आयु का हो, उसकी देखभाल का मुख्य जिम्मा महिलाओं का ही होता है।" ये बातें स्टेट टीबी अफसर संतोष गुप्ता (State TB Officer Santosh Gupta) ने लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में मंगलवार को कही।
दरअसल, विश्विद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, समाज कार्य विभाग एवं पत्रकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के मौके पर 'क्षयरोग उन्मूलन एवं महिलाओं की भूमिका पर' विशेष वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रुप से टीबी से संबंधित जानकारियों का वर्णन किया गया।
राज्यपाल द्वारा गोद लिये गए बच्चे हुए स्वस्थ
बता दें कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) द्वारा टी. बी. उन्मूलन की ओर किए गए प्रयासों को सफल बनाने में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai) के मार्गदर्शन में पं दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, समाज कार्य विभाग टी.बी. उन्मूलन की दिशा में सतत प्रयासरत है। पूर्व में राज्यपाल के निर्देशन में शोध पीठ द्वारा टी.बी. ग्रसित बच्चों को गोद लिया गया है, जिसमें से कुछ बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ भी हो चुके हैं। इन बच्चों के पोषण व शिक्षा का सम्पूर्ण वहन समाज कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।
टीबी से ग्रसित महिला रोगियों की संख्या 40-42 प्रतिशत
इस कार्यक्रम में विनय मिश्रा ने कार्यक्रम का एक संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन में लड़कियों की भागीदारी के बारे में बात की। इसके बाद, राज्य टीबी ऑफिसर संतोष गुप्ता (State TB Officer Santosh Gupta) ने यह बताया कि टीबी की महिला रोगियों की संख्या 40-42% है। मुख्य रूप से टीवी का मरीज किसी भी आयु का हो, उसकी देखभाल का मुख्य जिम्मा महिलाओं का ही होता है।
ई-लर्निंग के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है सोशल सपोर्ट
प्रोजेक्ट अफसर मुक्ता शर्मा (Project Officer Mukta Sharma) द्वारा यह बताया कि महिला ही एक परिवार का केंद्र बिंदु होती है। महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना ही, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक टीबी के कार्यक्रम को एवं इसके उन्मूलन को किस प्रकार से किया जा रहा है, इस पर सरकार की नीतियों को रखा। प्रोजेक्ट अफसर ने बताया कि ई-लर्निंग के माध्यम से भी क्षय रोग से पीड़ित महिलाओं एवं पुरुषों को सोशल सपोर्ट उपलब्ध कराया जा रहा है।
'रोज़ 10 मिनट निकालकर करें क्षय रोग पर बात'
डॉ अपर्णा चौधरी (Dr. Aparna Choudhary) ने बताया कि महिलाओं में बीमारी को छुपाने की प्रवृत्ति को अत्यधिक देखा गया है। वक्त रहते बीमारी को यदि सही इलाज नहीं मिलता है, तो यह एक भयंकर रूप धारण कर लेती है। इसलिए समाज में किसी भी व्यक्ति को, हर रोज कम से कम 10 मिनट निकालकर क्षय रोग पर बात करनी चाहिए। सभी विशेषज्ञों व प्रतिभागियों द्वारा यह शपथ भी ली गई कि क्षयरोग से स्वयं, परिवार और समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। लोगों में रोग सम्बंधित सामाजिक भय को दूर करने में योगदान करेंगे और अपने गांव, जिले, राज्य एवं राष्ट्र को क्षयरोग मुक्त बनायेंगे।
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