Lucknow News: मेक इन इंडिया-स्टार्टअप और डिजिटल इंडिया पर अखिलेश का तंज: अमेरिका जाने में कोई बुराई नहीं, व्यापार लाकर खुशहाली लाए सरकार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हर कोई चाहता है कि भारत मजबूत हो, लेकिन जब हमारे नौजवान कानून तोड़कर विदेश जाते हैं तो यह हमारी नाकामी का संकेत है।;
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Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमेरिका जाना बुरा नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री को ऐसा व्यापार लेकर आना चाहिए जिससे हमारे देश में खुशहाली हो। उन्होंने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री हीरा लेकर गए थे, इस बार कम से कम सोने की चेन लेकर जाना चाहिए।
विदेशी अवसरों पर चिंता जताई
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हर कोई चाहता है कि भारत मजबूत हो, लेकिन जब हमारे नौजवान कानून तोड़कर विदेश जाते हैं तो यह हमारी नाकामी का संकेत है। लोग मजबूरी में परिवार छोड़कर बेहतर अवसर की तलाश में विदेश जाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब और गुजरात में विदेश भेजने के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है, और सबसे ज्यादा लोग गुजरात से विदेश जाते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि भारत इतना मजबूत हो कि किसी भी देश में हमारे नागरिकों को हथकड़ी-बेड़ी के साथ न भेजा जाए।
भारत छोड़ने की वजह: भाजपा सरकार की नीतियां
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि अगर सरकार की योजनाएं सफल हैं, मेक इन इंडिया" "स्टार्टअप इंडिया" और "डिजिटल इंडिया" तो फिर लोग क्यों विदेश जा रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार के दावों के अनुसार भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, तो फिर रोजगार की कमी और पलायन क्यों हो रहा है।
बजट की आलोचना: रोजगार और कृषि में असफलता
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हाल ही में पेश किए गए बजट ने केवल मायूसी और निराशा पैदा की है। बजट में रोजगार, किसान की आय, और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के दावे असफल साबित हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जनता को धोखा दिया है और महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वक्फ बिल लाया है।
उपचुनाव में धांधली का आरोप
अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली की गई है, जिसमें बीएलओ को हटाया गया, खास जातियों के पुलिस वाले लगाए गए, और प्रिसाइडिंग अफसर बूथ पर बैठकर अपने टारगेट पूरे कर रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार की बेईमानी से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है।