UP MLC Election: अखिलेश इस बार PDA पर लगाएंगे दांव, नहीं दोहराएंगे राज्यसभा चुनाव की गलती
UP MLC Election: राज्यसभा चुनाव में करारा झटका खाने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव विधान परिषद चुनाव में काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।;
UP MLC Election: राज्यसभा चुनाव में करारा झटका खाने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव विधान परिषद चुनाव में काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित करने के बाद सपा मुखिया पीडीए की उपेक्षा के गंभीर आरोपों से घिर गए थे। बाद में सपा के कई विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के कारण पार्टी के तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन को हार का मुंह देखना पड़ा था।
यही कारण है कि विधान परिषद चुनाव में अखिलेश यादव सतर्क रवैया अपना रहे हैं। सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव इस बार पीडीए पर दांव लगाएंगे। विधान परिषद चुनाव के लिए पार्टी के तीनों प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। जल्द ही इस बाबत ऐलान किया जा सकता है।
इन प्रत्याशियों पर दांव लगाने की तैयारी
भाजपा ने विधान परिषद चुनाव के लिए अपने सात उम्मीदवारों की सूची शनिवार को जारी कर दी और अब सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी की सूची पर लगी हुई हैं। विधान परिषद की 13 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में अपने संख्या बल के आधार पर समाजवादी पार्टी की ओर से तीन प्रत्याशी उतारे जाने की तैयारी है। समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से विधान परिषद के चुनाव के लिए तीन प्रत्याशियों के नाम तय किए जा चुके हैं। विधान परिषद चुनाव में पार्टी की ओर से पूर्व मंत्री बलराम यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और हाल में सपा में शामिल होने वाले आजमगढ़ के गुड्डू जमाली को उतारने की तैयारी है। इन तीनों नामों पर पार्टी में सहमति बन चुकी है और जल्द ही इस बाबत ऐलान किया जा सकता है।
सपा मुखिया अखिलेश इस बार सतर्क
सियासी जानकारों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में सपा की ओर से उतारे गए उम्मीदवारों को लेकर पार्टी में नाराजगी दिखी थी। पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने प्रत्याशियों के चयन में पीडीए की उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सपा मुखिया की ओर से हर मंच पर पीडीए की बात की जाती है मगर उम्मीदवारों के चयन में पीडीए की अनदेखी की गई। राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा ने जया बच्चन और आलोक रंजन के रूप में दो अगड़े उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। इसे लेकर सपा में बगावत हो गई थी और कई विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के कारण आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा था।
अब विधान परिषद चुनाव में पार्टी की ओर से जिन प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी है,उनमें दो ओबीसी और एक मुस्लिम चेहरा है। इसके जरिए सपा अपने पीडीए समीकरण को धार देना चाहती है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी पीडीए का समीकरण साध कर सियासी फायदा उठाने की कोशिश में जुटी हुई है। विधान परिषद के संभावित उम्मीदवार गुड्डू जमाली को आजमगढ़ का मजबूत नेता माना जाता रहा है और इसके जरिए अखिलेश आजमगढ़ में सपा की सियासी जमीन भी मजबूत बनाना चाहते हैं।