Lucknow News : 'पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी', सीपीए कार्यकारी समिति की बैठक में बोले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने नई दिल्ली में आयोजित 10वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति की बैठक के दूसरे दिन “सतत् और समावेशी विकास में विधायिका की भूमिका” के तहत ‘पर्यावरण संरक्षण और गंगा बचाओ’ विषय पर अपने विचार रखे।
Lucknow News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करने का काम हम सब अपने लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं। पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी समाज के हर व्यक्ति की होनी चाहिए। इसके लिए व्यक्तिगत जुड़ाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गंगा बचेगी तो हम बचेंगे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने नई दिल्ली में आयोजित 10वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति की बैठक के दूसरे दिन “सतत् और समावेशी विकास में विधायिका की भूमिका” के तहत ‘पर्यावरण संरक्षण और गंगा बचाओ’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि किसी भी काम की शुरूआत करना तो एक बात है, लेकिन उस बात को हम समाज में कितनी गहराई तक पहुंचा रहे हैं, इस बात पर विचार करने की जरूरत है।
पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि आज हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह अपने लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं। सवाल इस बात का है कि आखिर हम उनके लिए क्या कुछ छोड़कर जा रहे हैं, इस पर गंभीर चिंतन करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति अथवा संस्था की नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की होनी चाहिए। पर्यावरण के बिगड़ने से हमारा कितना नुकसान होगा, यह हमको बताना पड़ेगा।
सभी को मिले समावेशी विकास का लाभ
सतीश महाना ने इस बात पर भी जोर दिया कि सतत और समावेशी विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। यह भी देखना पडे़गा कि जिसके लिए कार्य किए जा रहे हैं। उसका लाभ समाज के उस व्यक्ति तक पहुंच पा रहा है अथवा नहीं। इस दौरान उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्य विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के साथ संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर महान विभूतियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सम्मेलन में इन लोगों ने किया प्रतिभाग
बता दें कि इस सम्मेलन में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारी, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा के उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति व उपसभापति, राज्य के प्रधान सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।