Buddhist Conclave: नई दिल्ली में होगा बौद्ध कॉनक्लेव, पर्यटन मंत्री सहित कई देशों के उच्चायुक्त लेंगे हिस्सा

Buddhist Conclave 2024: कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, उ0प्र0 विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों के साथ-साथ कई विभागों के सचिव और मुख्य सचिव की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।

Newstrack :  Network
Update:2024-06-27 22:12 IST

Buddhist Conclave (Pic: Social Media)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से बोधि यात्रा का आयोजन कल यानी 28 जून, 2024 को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के होटल अशोका में आयोजित होगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, उ0प्र0 विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों के साथ-साथ कई विभागों के सचिव और मुख्य सचिव की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। प्रतिष्ठित ट्रैवेल राईटर, ब्लॉगर और भारतीय व अन्तर्राष्ट्रीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के प्रतिनिधि भी आमंत्रित किये गये हैं।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बोधि यात्रा उत्तर प्रदेश के बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों की मार्केटिंग एवं ब्राडिंग के लिए रखी गयी है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। उन्होंने ने कहा कि यूपी प्रारंभिक बौद्ध धर्म का केंद्र रहा है। यहीं से यह धर्म दुनिया के बाकी हिस्सों में फैला। बौद्ध धर्म को मानने वाले श्रद्धालु/पर्यटक प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में देश-दुनिया से उत्तर प्रदेश आते हैं।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में बौद्ध विरासत स्थलों, पर्यटन आकर्षण, पारंपरिक कला व शिल्प और संस्कृति एवं पर्यटन क्षेत्र में एफ०डी०आई० को बढ़ावा देने के लिए निवेश के अवसर तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के लाभों और सब्सिडी के विवरण के विषय में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। संवाद सत्र में उत्तर प्रदेश के बौद्ध विरासत स्थलों की ऐतिहासिकता व सांस्कृतिक महत्व को पर्यटन की दृष्टि से बढावा देने एवं विदेशी पर्यटकों के आगमन को बढ़ाने हेतु मंथन होगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि नई दिल्ली के होटल अशोका में आयोजित बोधि यात्रा के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। भगवान बुद्ध की असाधारण यात्रा विषय पर कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। गणमान्य लोगों को स्मृति चिन्ह भेंट किए जाने के उपरांत रात्रिभोज के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। बोधि यात्रा का उद्देश्य विशाल पर्यटन संभावनाओं एवं बौद्ध विरासतों से परिपूर्ण उत्तर प्रदेश में विदेशी पर्यटकों के आगमन को बढ़ाना है। प्रदेश सरकार इसके लिए कई तरह की योजनाओं और अन्य विभागों के सहयोग से आगे बढ़ रही है। हाल में कई एमओयू साइन हुए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में नजर आएंगे। सरकार की ओर से वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें पर्यटन की सशक्त भागीदारी रहेगी।

जयवीर सिंह ने बताया कि बोधि यात्रा कार्यक्रम में नेपाल, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, श्रीलंका, लाओस पीडीआर, कंबोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया, चीन आदि देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। विदेश मंत्रालय के सचिव और अधिकारी गण, पर्यटन मंत्रालय एवं पर्यटन मंत्रालय के सचिव तथा अधिकारियों, संस्कृति मंत्रालय के सचिव एवं अधिकारी गण आमंत्रित हैं। इनके अलावा, अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्यौगिक विकास विभाग, उप्र, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारी, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ दिल्ली के पदाधिकारी, प्रतिष्ठित ट्रैवल राइटर एवं ब्लॉगर, ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर प्रतिनिधियों तथा भारतीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के प्रतिनिधि आमंत्रित किए गए हैं।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश की पहचान बुद्ध भूमि से रही है। कपिलवस्तु, कौशांबी, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा और सारनाथ सहित 06 प्रमुख बौद्ध स्थल हैं। पर्यटन विभाग संकिसा को एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है, जिससे अधिक से अधिक विदेशी बौद्ध अनुयायी भ्रमण के लिए आएं। बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए उत्तर प्रदेश किसी वरदान से कम नहीं है। बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए प्रदेश की धरती आस्था का उच्च केंद्र है। राज्य सरकार प्रदेश स्थित पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिये विभिन्न सुविधाएं विकसित करने पर जोर दे रही है। बोधि यात्रा इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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