BBAU News: बीबीएयू में आयोजित हुआ कैम्पस प्लेसमेंट, छात्रों को मिला 7 लाख से अधिक का पैकेज
Lucknow News: बीबीएयू में आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट में 6 विद्यार्थियों का चयन हुआ। कुलपति आचार्य संजय सिंह ने सभी चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए हर्ष का विषय है।
Lucknow News: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट में विश्वविद्यालय के 6 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। हाइक एजूकेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के पद पर अभिषेक अंशू, मो.अतीउल्लाह खान, रोहित शुक्ला का चयन 7.02 लाख के पैकेज पर, सेजल सोनकर, सौरभ संतोष यादव का चयन 6.42 लाख के पैकेज पर एवं लवीना गर्ग का चयन 5.82 लाख के पैकेज पर हुआ।
वीसी ने छात्रों को दी बधाई
विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने सभी चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के लिए हर्ष का विषय है। विश्वविद्यालय परिवार उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो.अमित कुमार सिंह एवं डॉ. लता बाजपेयी ने भी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
हिन्दी मातृ भाषा पर गर्व करने से मिलती है व्यक्ति को पहचान
हिन्दी मातृ भाषा पर गर्व करने से व्यक्ति को पहचान मिलती है। यह संदेश बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित हिन्दी पखवाड़ा समारोह के उद्धाटन सत्र में वक्ताओं ने दिया। यह पखवाड़ा 18 से 29 सितम्बर तक विश्वविद्यालय के हिन्दी प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा, जिसमें हिन्दी टाइपिंग, हिन्दी सुलेख, हिन्दी प्रशासनिक कार्य अनुवाद, काव्य पाठ और संगोष्ठी जैसी प्रतियोगितायें शामिल होंगी।
समारोह के पहले दिन हिन्दी टाइपिंग प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। हिन्दी अधिकारी बीबीएयू डॉ० एस के त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे लोग इसकी महत्ता को समझे और स्वयं को वैश्विक स्तर पर भी गौरवान्वित महसूस करें। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राम कुमार गुप्ता ने चर्चा के दौरान कहा कि हिन्दी मातृ भाषा पर गर्व करने से व्यक्ति को पहचान मिलती है। इसलिए हर प्रदेशवासी को चाहिए कि वह अपनी मातृभाषा का अधिक से अधिक संवाद, लेखन आदि में प्रयोग करे। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारीगण एवं अन्य विद्यार्थी मौजूद रहें।