Earthquake: भारत में आ सकता है विनाशकारी भूकंप, IIT कानपुर ने जताई चिंता
Earthquake: इस बार का भूकंप 2015 के नेपाल भूकंप के बाद के झटकों का हिस्सा नहीं है। यह नए भूकंप की चेतावनी हो सकती है।
Lucknow News: बीते दो माह में जिस तरह से भूकंप के बड़े झटके लग रहे हैं। वह किसी बड़ी अनहोनी का भी संकेत हो सकते हैं। क्योंकि तीन अक्टूबर, इसके ठीक एक बाद तीन नवंबर और बीते सोमवार को जो भूकंप के झटके आए। उसे लगभग सभी लोगों ने महसूस किया। एक के बाद एक भूकंप के इन तगड़े झटकों ने भू-वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ा दी है।
उनका मानना है कि बार-बार आ रहे भूकंप बड़ी और विनाशकारी आपदा का संकेत हो सकते हैं। इस बार भूकंप का केंद्र भी बदल गया है और उत्तराखंड के नजदीकी हिस्सों में है। आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रो. जावेद मलिक का कहना है कि इस बार का भूकंप 2015 के नेपाल भूकंप के बाद के झटकों का हिस्सा नहीं है। यह नए भूकंप की चेतावनी हो सकती है।
प्रो. मलिक ने कहा कि 3 नवंबर को नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 6.4 तीव्रता बताई थी। 3 नवंबर को आए भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी और बिहार तक महसूस किया गया। इससे एक बात निश्चित हो गयी है कि भूकंप की तीव्रता अधिक होगी और इसका केंद्र हमारे करीब होगा।
भू-वैज्ञानिकों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि आखिर बार-बार भूकंप क्यों आ रहे हैं। क्या यह किसी बड़े भूकंप की चेतावनी है। हाल ही में आए भूकंप का केंद्र नेपाल के पश्चिमी हिस्से में है जो उत्तराखंड और कुमाऊं क्षेत्र के पास है। भूकंप केंद्र में हुए बदलाव से साफ है कि यह भूकंप 2015 के बड़े भूकंप के बाद प्लेटों की व्यवस्था से जुड़ा कोई आफ्टरशॉक नहीं है।
जोन पांच है बेहद खतरनाक
भूकंप की आशंका को लेकर देश में पांच भूकंप जोन बनाये गये हैं। जोन 2 को सबसे सुरक्षित माना गया है। सबसे खतरनाक जोन 5 है जिसमें कच्छ, अंडमान निकोबार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेष समेत आसपास के अन्य राज्य शामिल हैं।
जोन तीन में हैं यूपी के ये जिले
जोन तीन में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, सोनभद्र, गोरखपुर, चंदौली और आसपास के अन्य जिले शामिल हैं।