Lucknow News: इलेक्ट्रिक बसें पर्यटकों को कराएंगी लखनऊ के धरोहरों की सैर, पर्यटन को बढ़ावा देने की एक और कवायद

Lucknow News: बीते गुरूवार को कमिश्नर जैकब ने इस संबंध में पर्यटन विभाग और सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लखनऊ में हेरिटेज कॉरिडोर बनाने पर चर्चा की गई।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-09 10:37 IST

Lucknow Electric buses   (photo: social media )

Lucknow News: योगी सरकार प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश कर रही है। प्रदेश में मौजूद धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की जगहों को विकसित किया जा रहा है। कई विश्वविख्यात धरोहरों की स्थली राजधानी लखनऊ में भी पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं। इसी कोशिश के तहत मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने शहर में मौजूद धरोहरों की सैर कराने के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया है।

बीते गुरूवार को कमिश्नर जैकब ने इस संबंध में पर्यटन विभाग और सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लखनऊ में हेरिटेज कॉरिडोर बनाने पर चर्चा की गई। तय किया गया कि इलेक्ट्रिक बसों से पर्यटकों का रूमी दरवाजा, पिक्चर गैलरी और इमामबाड़ा की सैर कराई जाएगी। हेरिटेज कॉरिडोर में घुमाने के लिए दो इलेक्ट्रिक बसें लगाई जाएंगी।

यहां होगा बसों का ठहराव

हेरिटेज कॉरिडोर की योजना को लखनऊ दर्शन पैकेज का नाम दिया गया है। जिसे महानगर परिवहन सेवा और पर्यटन निगम संयुक्त रूप से चलाएंगे। राजधानी में इन इलेक्ट्रिक बसों का ठहराव घंटाघर और बड़ा इमामबाड़ा के पास होगा। पर्यटकों को यहीं से बस के टिकट मिलेंगे। पहले फेज में दो बसों की ही संचालन किया जाएगा। इसके रिस्पांस के आधार पर आगे के चरण में बसों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। जिन पर्यटन स्थलों पर सैर कराने के लिए ले जाया जाएगा, वहां शौचालय, फसाड लाइट, ग्रीन पार्क, बेंच-फर्नीचर, फूडकोर्ट, ओपेन फूडकोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

प्रमुख पर्यटन स्थलों को इलेक्ट्रिक बसों से जोड़ने की योजना

लखनऊ की तरह प्रदेश स्तर पर भी यूपी सरकार एक योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत राज्य के सभी पर्यटन स्थलों को इलेक्ट्रिक बसों से जोड़ा जाना है। इस योजना के तहत अयोध्या, काशी, मथुरा, चित्रकूट और प्रयागराज जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को इलेक्ट्रिक बसों से सीधा जोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में 250 ऐसी बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में केंद्र सरकार भी आर्थिक मदद कर रही है।

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