Lucknow News: 41 दोपहिया बरामद, मड़ियांव पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार, दूसरे जिलों में बेचने की फिराक में थे

Lucknow News: मड़ियांव थाने के थाना प्रभारी शिवानन्द मिश्रा ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही लखनऊ के अलग अलग थानों में वाहन चोरी से संबंधित कुल 23 मामलों का खुलासा किया गया है।;

Update:2025-02-08 16:09 IST

Lucknow News (Photo Social Media)

Lucknow News: शनिवार को लखनऊ की मड़ियांव थाना पुलिस ने दो पहिया वाहनों को चोरी करने वाले 1 बड़े गिरोह का खुलासा करते हुए 4 शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं, इनके कब्जे से चोरी के 41 दोपहिया वाहन बरामद किए गए हैं। पूछताछ में इन अभियुक्तों। ने बताया कि ये सभी लोग चोरी के वाहनों को ट्रक में भरकर दूसरे जिलों में ले जाकर बेचने की फिराक में थे। सड़क पर खड़े होकर ट्रक का इंतजार कर रहे थे लेकिन उससे पहले ही चेकिंग के दौरान व मुखबिर खास की सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। मड़ियांव थाने के थाना प्रभारी शिवानन्द मिश्रा ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही लखनऊ के अलग अलग थानों में वाहन चोरी से संबंधित कुल 23 मामलों का खुलासा किया गया है।

अलग अलग जगह से चोरी करके एक पास इकट्ठा करते थे दो पहिया वाहन

पुलिस टीम ने बताया कि इस मामले में सत्यम शुक्ला, अनस खान, आमिर और इमरान नाम के 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे लोग लखनऊ व उसके आसपास के जिलों से दो पहिया वाहन चोरी करते थे। चोरी की हुई मोटरसाइकिलें छिपछिपाकर एक जगह इकट्ठा करते थे और फिर जब ज्यादा संख्या में मोटरसाइकिलें इकट्ठा हो जाती थीं तो किसी बड़े ट्रक को किराये पर लेकर उसमें चोरी की मोटरसाइकिलें लादकर वाहनों को ढककर दूसरे जिलों में ले जाकर बेच देते थे।

बरामद हुई मोटरसाइकिलों के साथ बोरी में मिले वाहनों के कटे हुए पार्ट्स

मड़ियांव थाने के प्रभारी निरीक्षक शिवानन्द मिश्रा ने बताया कि मौके से बरामद हुईं मोटर साइकिलों का निरीक्षण किया गया तो अलग-अलग कम्पनियों की कुल 39 मोटर साईकिल व 2 स्कूटी बरामद हुईं। इसके साथ ही एक स्विफ्ट कार, एक बोरी के अन्दर वाहनों के कटे हुए पार्ट्स और 8 चाभी बरामद हुई हैं। इसे लेकर अभियुक्तों ने बताया कि जब उन्हें मौका मिलता था तो वे लोग गाड़ियों को काटकर उनके पार्ट्स को राह चलते कबाड़ियो को औने पौने दाम में बेच देते थे और उससे जो पैसा इन लोगो को मिलता था, उसे ये लोग अपनी आवश्यक्ताओं की पूर्ति में खर्च कर देते थे।

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