कार्रवाई के बजाय क्लीनचिट.., हाथरस मामले में SIT जांच पर बिफरीं मायावती

Hathras SIT Report: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एसआईटी जांच पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-10 05:33 GMT

हाथरस मामले में एसआईटी जांच पर बिफरीं मायावती (सोशल मीडिया)

Hathras SIT Report: उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में बीते दो जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गयी थी। इस दर्दनाक हादसे की जांच सरकार ने एसआईटी से करायी। एसआईटी जांच में जहां आयोजक, तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन तो दोषी पायी गयी। लेकिन पूरे जांच रिपोर्ट में भोले बाबा का जिक्र कहीं भी नहीं मिला। इसको लेकर एसआईटी जांच भी सवालों के घेरे में आ गयी है। इस मामले में राजनीति गलियारों में भी राजनीति गरमा गयी है।

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एसआईटी जांच पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है जोकि अति-दुःखद है।

बसपा प्रमुख ने SIT रिपोर्ट पर उठाए सवाल

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा कि इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण बनी हुई है। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

जानें पूरा मामला

हाथरस में बीते दो जुलाई को हुई सिकंदराराऊ में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने दो, तीन और पांच जुलाई को घटनास्थल का मुआयना किया था।

एसआईटी जांच के दौरान लगभग 125 लोगों का बयान दर्ज कराया गया। जिसमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी शामिल है। एसआईटी जांच के बाद घटना में प्रथमदृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गयी। जिसमें उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को निलंबित कर दिया गया था।

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