UP: गुमराह कर शादी करने, धर्म परिवर्तन कराने पर अब होगा आजीवन कारावास, विधानसभा में लव जिहाद बिल पास

Love Jihad Law: योगी सरकार ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में धर्म परिवर्तन या लव जिहाद विरोधी विधेयक पेश किया था।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-30 17:23 IST

Love Jihad Law (Newstrack)

Love Jihad Law: यूपी में लव जिहाद के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को यूपी विधानसभा से लव जिहाद से जुड़ा विधेयक पास हो गया है। विधानमंडल में हुए पेश लव जिहाद पर संशोधन विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अविध को बढ़ाया गया है। कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, साथ ही, एक लाख रुपए तक जुर्माने का भी रखा गया है।

सोमवार को पेश किया गया था संशोधित विधेयक

योगी सरकार ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में धर्म परिवर्तन या लव जिहाद विरोधी विधेयक पेश किया था। सरकार ने इस बिल को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक नाम दिया है, जिसको मंगलवार को विधानसभा में पास कर दिया है। नए कानून में नाबालिग, एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने पर उम्रकैद के प्रावधान रखा गया है। विधानसभा से पारित होने के बाद इसे विधान परिषद भेजा जाएगा। उच्च सदन से पारित होने के बादराज्यपाल के पास जाएगा। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

इस वजह से किया गया संशोधन

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पर सरकार ने कहा कि गुमराह कर शादी करने और अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी- एसटी) के धर्म परिवर्तन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इन्हीं मामलों पर राज्य सरकार अंकुश लगाने जा रही है। बदलाव के लिए लाए गए इस विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ाने का प्रावधान है। इसमें आजीवन कारावास और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त कानून लागू किये गए हैं।

2021 में बना था लव जिहाद पर कानून

लव जिहाद के यूपी में बढ़ाते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने नवंबर 2020 अध्यादेश लाई थी। फिर फरवरी, 2021 में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों से विधेयक पारित किया गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 को कानूनी रूप में मान्यता मिली। तब इस कानून में एक से 10 साल तक सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान था। हालांकि आज विधानसभा में पारित हुए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के संसोधन के जरिये इसको सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है।

जानें नए बिल में क्या है प्रावधान

  • किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने पर अब दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने
  • सामूहिक धर्म परिवर्तन पर आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने
  • विदेशी या गैरकानूनी संस्थाओं से फंडिंग हासिल करने पर 14 वर्ष तक की सजा और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान
  • धर्म परिवर्तन के लिए किसी व्यक्ति के जीवन या संपत्ति को भय में डालता है, हमला या बल प्रयोग करता है, शादी करने का झूठा वादा करता है, प्रलोभन देकर किसी नाबालिग, महिला या व्यक्ति की तस्करी करता है, तो उसे न्यूनतम 20 साल की सजा होगी। इसे ताउम्र तक बढ़ाया जा सकेगा
  • पीड़ित के इलाज और पुनर्वास के लिए भी जुर्माना देना होगा
  • लव जिहाद के मामलों की सुनवाई केवल सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी
  • सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया

विपक्ष ने प्रस्तावित कानून पर क्या कहा?

मुख्य विपक्ष दल समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा कि भाजपा केवल नकारात्मक राजनीति करना चाहती है। ये ध्यान भटकाने वाले मुद्दे हैं। इनसे लोगों का कोई भला नहीं होगा।

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