भगवान राम की मूर्ति लग सकती है तो मेरी क्यों नहीं: मायावती

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष ने उल्टा सवाल ही दाग दिया है। उन्होंने पूछा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रस्तावित 221 मीटर ऊंची मूर्ति का ऐसा ही विरोध क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने अपने जवाब में सरदार पटेल व छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्तियों का भी उल्लेख किया।

Update:2019-04-03 12:49 IST

नई दिल्ली : बसपा की मुखिया मायावती अपने अजीबोगरीब बयान और तर्कों के लिए जानी जाती हैं। बीएसपी के चुनाव चिह्न हाथी और अपनी मूर्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवर के बाद मायावती ने शीर्ष अदालत में अजीबोगरीब हलफनामा दाखिल किया है। मायावती ने अपनी दलील में भगवान राम से लेकर कई पूर्व प्रधानमंत्रियों तक की मूर्तियों का हवाला दिया है।

पटेल व शिवाजी की मूर्तियों का भी जिक्र

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष ने उल्टा सवाल ही दाग दिया है। उन्होंने पूछा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रस्तावित 221 मीटर ऊंची मूर्ति का ऐसा ही विरोध क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने अपने जवाब में सरदार पटेल व छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्तियों का भी उल्लेख किया। मायावती के हलफनामे पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।

लोगों का कहना है कि क्या मायावती खुद को भगवान राम, सरदार पटेल व शिवाजी महाराज के बराबर समझने लगी हैं। किसी को भी मायावती की यह दलील गले नहीं उतर रही है। लोगों ने इस दलील को लेकर मायावती पर जमकर निशाना साधा है।

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मूर्तियां लगवाना नई बात नही

सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में मायावती ने कहा कि देश में मूर्तियां लगाने की पुरानी परंपरा रही है। उन्होंने अपने वकील शैल द्विवेदी के मार्फत सर्वोच्च अदालत से कहा कि भारत में स्मारिकाएं बनवाना और मूर्तियां लगवाना कोई नई बात नहीं है।

कांग्रेस के शासनकाल में केंद्र और राज्य सरकारों ने देशभर में सरकारी खजाने से जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी वी नरसिम्हा राव की मूर्तियां लगवाईं,लेकिन इन मूर्तियों को लेकर कभी सवाल नहीं उठाया गया।

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योगी के प्रोजेक्ट का उल्लेख

मायावती ने अपने हलफनामे में गुजरात सरकार द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की लागत से सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति और मुंबई में शिवाजी महाराज की मूर्तियों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी भगवान राम की मूर्ति बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण, डिजाइन डेवेलपमेंट और प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि पर 200 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत आएगी।

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दक्षिण भारत की मूर्तियों का भी जिक्र

मायावती ने लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी, संयुक्त आंध्र प्रदेश में वाई.एस.राजशेखर रेड्डी की मूर्तियों के अलावा कर्नाटक के मांडया में मां कावेरी की प्रस्तावित 350 फीट ऊंची मूर्ति, अमरावती में 155 करोड़ रुपये की एनटी रामाराव की मूर्ति और चेन्नई के मरीन बीच पर 50 करोड़ रुपये की जे.जयललिता की मूर्ति का भी जिक्र किया।

जनता की सेवा के लिए रही कुंवारी

मायावती का कहना है कि आम जनता की सेवा करने के लिए ही वह अविवाहित रहीं और अपना पूरा जीवन दलित उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। बदले में लोगों का जो प्यार मिला और उनकी जो इच्छा थी, उसी से प्रेरित होकर राज्य विधानसभा को स्मारिकाओं एवं मूर्तियों के लिए बजट में आवंटन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि विधानसभा से बजट आवंटन के बाद ही उनकी मूर्तियां लगवाई गईं।

 

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