गोरखपुर: जिला हॉस्पिटल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही का एक मामला सामने आया है। डॉक्टर साहब ने एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को ही मरीजों की दवा लिखने का जिम्मा सौप दिया। मरीज को जब इस बात की भनक लगी तो मरीज ने पूछा कि डॉक्टर साहब कहा हैं तो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने कहा कि साहब कहीं काम से बाहर गए हैं तुम जाओ ये दवा मैं लिख रहा हूं जाकर ले लो, ये सुनकर मरीज सीधा एसआईसी एचआर यादव से मिला तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेकर आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया।
क्या है पूरा मामला
-नेता जी सुभाष चंद बोस जिला हॉस्पिटल में मंगलवार को राजेंद्र प्रसाद(75) अपनी आंख की दवा लेने गया।
-बुजुर्ग आंख के डॉक्टर मनोज के केबिन में पहुंचा, लेकिन वहां एक एमआर बैठा था।
-राजेंद्र ने पूछा कि डॉक्टर साहब कहा हैं, उस व्यक्ति ने हाथों से पर्ची लेकर दवा लिख दी।
-इसके बाद कहा कि साहब कहीं काम से गए हैं, तब तक मैं ये दवा लिख रहा हूं जाकर ले लो।
-राजेन्द्र उसे डाक्टर समझकर दवा लेने चला गया उसने दुकान पर दवा के रेट पूछे तो वह बहुत महंगी थी।
-इस पर उसने सीधे एसआइसी एचआर यादव से संपर्क कर सारी बात बताई।
-एसआइसी तुरंत हरकत में आए और पता लगाया तो राजेंद्र की सारी बाते सच निकलीं।
-एसआइसी ने एमआर को पुलिस के हवाले कर दिया।
-साथ ही इस पूरे मामले की शिकायत अधिकारियों से की।
एसआइसी एचआरयादव ने बताया कि
-एक बुजुर्ग मेरे आॅफिस में आए और उनके हाथ में एक छोटी सी पर्ची थी।
-इसमे बाहर की दवा लिखी हुई थी उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ये दवा दिला दीजिए।
-जब मैंने पूछा तो बुजुर्ग ने कहा कि 45 नंबर कमरे में जो डॉक्टर साहब बैठे थे उन्होंने लिखा है।
डाॅक्टर का रिप्रजेंटेटिव दे रहा था दवा
-जानकारी के लिए मैंने कुछ लोगों को डॉक्टर के कमरे में भेजा।
-तब पता चला कि डॉक्टर का रिप्रजेंटेटिव बनकर एक एमआर दवाई लिख रहा था।
-एमआर ने खुद को आंख की दवा का मेडिकल रिप्रजेंटेटिव बताया।
-उसने कहा कि आंख के डॉक्टर मनोज कुमार के कहने पर उसने दवा लिखा था।
डॉक्टर मनोज कुमार ने क्या कहा
-ये एमआर है और पिछले डेढ़ सालो से मेरे चैम्बर में बैठता है।
-अपनी दवाओं का प्रचार करता है।
एमआर ने क्या कहा
-मैं तो अपने विजिट पर गया हुआ था।
-डाॅक्टर साहब ने ही मुझसे दवा लिखने के लिए बोला था इसलिए मैंने दवाईंया लिख दी।