Meerut News: चिकित्सकों ने दी लैगिंक समानता, घरेलू हिंसा, गर्भपात, लैगिक जाँच, भ्रूण हत्या व पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी

Meerut News: राजकीय महिला चिकित्सालय मेरठ के प्रभारी अधीक्षक डाक्टर संजीव कुमार त्यागी ने बताया कि दहेज को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन आज भी लोग दहेज लेते हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-03-02 23:04 IST

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Meerut News: मेरठ के जिला महिला चिकित्सालय सभागार कक्ष में आज लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा, गर्भपात, लैगिंक जाँच, भ्रूण हत्या व पीसीपीएनडीटी अधिनियम विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।नोडल अधिकारी डॉक्टर परवीन कुमार गौतम ने विधिक जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित जनता को पीसीपीएनडीटी एक्ट, लैंगिक जाँच तथा भ्रूण हत्या आदि के बारे अवगत कराया गया। उन्होने बताया कि भ्रूण हत्या अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होने बताया कि सरकार द्वारा लैंगिक जाँच तथा भ्रूण हत्या के सम्बन्ध में मुखबिर योजना के अन्तर्गत ईनाम के रूप में धनराशि दी जाती है। ताकि लैगिक जाँच व भ्रूण हत्या को रोका जा सकें।

दहेज  एक अपराध

राजकीय महिला चिकित्सालय मेरठ के प्रभारी अधीक्षक डाक्टर संजीव कुमार त्यागी ने बताया कि दहेज को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन आज भी लोग दहेज लेते हैं। इस कुप्रथा का चलन काफी बढ-चढ हो रहा है। इसलिए समाज को जागरूक होना चाहिये ताकि समाज से दहेज जैसी कुरीतियों को दूर किया जा सकें।

लड़कियों को लड़कों के समान दर्जा नहीं

प्रशिक्षण आईएएस अधिकारी जागृति अवस्थी बताया कि समाज में लड़का व लड़की का समान स्थान है, लेकिन आज भी लड़कियों को लडको के समान दर्जा नहीं दिया जाता है। लड़की के पैदा होने पर वह खुशी नहीं मनायी जाती है, जोकि लड़के के पैदा होने पर मनायी जाती है, इसलिए समाज को लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिये। ताकि इस असमानता के अन्दर को समाप्त किया जा सकें।

राज्य महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने बताया कि सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही है। सरकार महिलाओं को प्रत्येक स्तर पर पुरूषों के समान स्थान प्रदान करने का प्रयास कर रही है। समाज को जागरूक होना चाहिये तथा महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना चाहिये महिलाओं का सम्मान करना चाहियें तभी हम एक अच्छे नागरिक बन सकते है।

उक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराया कि प्रत्येक व्यक्ति को विधि का ज्ञान होना चाहिये क्योंकि विधि प्रत्येक जगह समाहित है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर होने के साथ-साथ विधिक रूप से भी साक्षर होना चाहियें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ द्वारा प्रत्येक स्तर पर आम जनता को विधिक रूप से जागरूक किये जाने के लिए विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किये जा रहे है आम जनता को इनका लाभ उठाना चाहिये और यदि किसी भी व्यक्ति की कोई समस्या है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ के कार्यालय उपस्थित होकर या प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है।

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