Meerut News: लापरवाही आवास विकास परिषद की और भुगत रहे आवंटी, नामांतरण अधिनियम को दबाकर वसूल रहा भारी रकम
Meerut News: नियमावली के अंतर्गत मेरठ विकास प्राधिकरण में नामांतरण जारी हैं। वहीं दूसरी ओर आवास विकास परिषद में जनता को राहत देने वाले सरकारी गजट को 8 माह पश्चात आज तक भी लागू नही किया गया है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी सरकारी गजट 25 जुलाई 2022 के अनुसार 5 लाख तक की सम्पत्ति पर 1 हजार रूपये 5 लाख से 10 लाख तक पर 2 हजार 10लाख से 15 लाख तक पर 3 हजार रूपये 15 लाख से 50 लाख तक की सम्पत्ति के नामांतरण शुल्क को 5 हजार रूपये व 50 लाख से ऊपर की सम्पत्ति पर 10 हजार रूपए किया गया है। इस नियमावली के अंतर्गत मेरठ विकास प्राधिकरण में नामांतरण जारी हैं। वहीं दूसरी ओर आवास विकास परिषद में जनता को राहत देने वाले सरकारी गजट को 8 माह पश्चात आज तक भी लागू नही किया गया है ।
खरीदारों को हो रहा भारी नुकसान
आवंटी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनता को राहत देने वाले गजट को आवास विकास परिषद लागू नही कर रहा है, जिससे रीसेल में भवन प्लाट खरीदने वाले क्रेताओं को भारी नुकसान हो रहा है। अधिकांश सम्पति 25 से 50 लाख की हैं जिसके लिए क्रेताओं को अभी पुरानी नियमावली के अनुसार 1 प्रतिशत नामांतरण शुल्क जमा करना पड़ रहा है। जिसमे 50 लाख की सम्पत्ति के लिए 50 हजार रूपये की वसूली की जा रही है। जबकि यही शुल्क नयी नियमावली से मात्र 5 हजार ही बनता है। अकेले मेरठ शहर में ही हर माह 20-30 नामांतरण हो रहे हैं। जिसमे क्रेताओं को करीब 10 लाख रुपए की चोट लग रही है ।इस अनुपात से पूरे प्रदेश में आवास विकास परिषद करीब 8 करोड़ रूपए प्रति माह वसूल कर रहा है। आवास विकास परिषद अगर गंभीरतापूर्वक इसे लागू करता तब भी एक माह में ये लागू हो जाता इस हिसाब से जनता से 7 माह में वसूला गया नामांतरण शुल्क जो लगभग 56 करोड़ रूपए है, जनता के बच जाते ।
सुशील कुमार पटेल के अनुसार इस संबंध में सैकड़ो लोगो ने आवास विकास कार्यालय पर नये नामांतरण अधिनियम लागू करने की मांग को लेकर आवास आयुक्त को पत्र लिखा है। इस बाबत आवास विकास कार्यालय मेरठ के सम्पत्ति अधिकारी केशव राम जी से कई बार वार्ता की पर उन्होंन स्पष्ट किया की जब तक यह लखनऊ बोर्ड से पास होकर नही आयेगा। तब तक हम पुरानी नियमावली से नामांतरण शुल्क वसूलने के लिए बाध्य है। इस संबंध में उप आवास आयुक्त ने बताया है कि यह प्रस्ताव अभी तक आवास विकास परिषद की होने वाली बोर्ड बैठक में नही आया है। वहाँ कितना समय लगेगा पता नही। पर जब तक ये लखनऊ से हमारे पास नही आयेगा तब तक बदलाव नही किया जा सकता है। सुशील पटेल ने बताया कि इस नयी नामांतरण नियमावली के लाभ के लिए मेरठ में ही सैकड़ो लोग नामांतरण नही करा पा रहे हैं सैकड़ो लोग पिछले 7 माह से नामांतरण अधिनियम के बदलाव के इन्तजार में बैठे है ।