Meerut News: गंगा के निर्मल जल में उतरे 75 नन्हें घड़ियाल, 20 दिनों तक होगी निगरानी
Meerut News: मेरठ के मवाना के युवा स्कूली बच्चों, वन अधिकारियों, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ विशेषज्ञों, लखनऊ कुकरैल घड़ियाल केंद्र के कर्मचारियों की उपस्थिति में आज 75 घड़ियालों को गंगा नदी में छोड़ा गया।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ के मवाना के युवा स्कूली बच्चों, वन अधिकारियों, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ विशेषज्ञों, लखनऊ कुकरैल घड़ियाल केंद्र के कर्मचारियों की उपस्थिति में आज 75 घड़ियालों को गंगा नदी में छोड़ा गया। घड़ियालों को कुकरैल घड़ियाल केंद्र लखनऊ में पाला गया। सभी का जन्म 2021 में हुआ। लगभग 3 साल की उम्र। 58 मादा और 17 नर घड़ियाल शामिल है। इनकी लंबाई 120 से 137 सेंटीमीटर व वजन 5.4 से 6.2 किग्रा. तक रहा।
वन विभाग अफसरों के अनुसार अगले 20 दिनों तक गंगा विस्तार और उसके आसपास गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियमित निगरानी की जाएगी। डीएफओ राजेश कुमार व विश्व प्रकृति निधि भारत के वरिष्ठ समन्वयक संजीव यादव के नेतृत्व में 75 घड़ियाल छोड़े गए।
पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से लाए गए घड़ियाल
डीएफओ राजेश कुमार के अनुसार घडि़याल की लुप्त होती प्रजाति को बचाने को विश्व प्रकृति निधि भारत एवं वन विभाग के तत्वावधान में संयुक्त रूप से योजना संचालित की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को मखदूमपुर घाट पर गंगा नदी में घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से लाए गए 75 घडि़याल के बच्चोंकी एक खेप और छोड़ी गई। डीएफओ के अनुसार घड़ियालों के शावकों को छोड़ने के बाद अब उनकी अगले 20 दिनों तक मोटरबोट द्वारा 20 किमी. के दायरे में विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी।
विश्व प्रकृति निधि के संजीव यादव ने बताया कि घड़ियाल पुनर्विस्थापन परियोजना के तहत वर्ष 2009 से अब तक सात चरणों में कुल 973 घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं। घड़ियाल की विलुप्त होती प्रजाति का संरक्षण करने के लिए गंगा नदी में इस अभियान को चलाया जा रहा है।
गंगा नदी में घड़ियाल जैविक सफाईकर्मी का कार्य करते हैं। इसके बाद इन्हें विभिन्न नदियों में छोड़ा जा रहा है। इन्हें नदी में छोड़ने के लिए सर्दी का मौसम उपयुक्त होता है। इस दौरान प्रशिक्षु आईपीएस ऋजुल, क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी आदि मौजूद रहे।