Gramin Bharat Bandh 2024: भारतीय किसान यूनियन का दावा- ग्रामीण भारत बंद को मिला किसानों का पूरा समर्थन
Gramin Bharat Bandh 2024: भारतीय किसान यूनियन नेता के अनुसार, 'इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्रीय आह्वान पर अपने खेत, बाजार, सरकारी दफ्तरों में न जाकर अपना पूर्ण समर्थन दर्ज कराया। भाकियू कार्यकर्ता आज अपने खेत नहीं गए।
Meerut News: मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला अध्यक्ष ने शुक्रवार (16 फरवरी) को दावा किया कि, जिले में केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद (Gramin Bharat Bandh 2024) पूरी तरह सफल रहा। भारतीय किसान यूनियन (BKU) जिला अध्यक्ष ने कहा कि, 'कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने ग्रामीण भारत बंद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद में मेरठ के भाकियू कार्यकर्ताओं तथा किसानों ने पूर्ण समर्थन दिया'।
गन्ना तौल न के बराबर, बाजार-दफ्तरों से बनाई दूरी
भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) नेता के अनुसार, 'इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्रीय आह्वान पर अपने खेत, बाजार, सरकारी दफ्तरों में न जाकर अपना पूर्ण समर्थन दर्ज कराया। भाकियू कार्यकर्ता आज अपने खेत नहीं गए। गन्ना तौल भी कुछ तौल केंद्र पर न के बराबर रही। इस दौरान किसानों ने बाजार और सरकारी दफ्तरों से दूरी बनाई'।
भाकियू कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने का आह्वान
इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने ग्राम खटकी, सरूरपुर , कस्तला, मवाना आदि गांवों में भाकियू कार्यकर्ताओं के आवास पर पहुंचे। यहां भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ संवाद किया। साथ ही, संगठन को मजबूती प्रदान करने की अपील करते हुए सभी से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने संगठन सदस्यता एवं आगामी कार्यक्रमों में मजबूती से मेरठ जिले की उपस्थिति दर्ज कराने की भी बात कही।
भाकियू के राष्ट्रीय आह्वान पर रखें नजर
इस दौरान, किसान आंदोलन (Kisan Andolan) पर भी गहन चर्चा की गई। सभी लोगों से भाकियू के राष्ट्रीय आह्वान पर नज़र बनाए रखने तथा उनके आदेश का मजबूती से पालन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ता की असमय मृत्यु हो जाने पर सभी ने उनके घर पहुंचकर दुख जताया।
ये रहे मौजूद
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा, 'ग्रामीण भारत बंद में भाकियू कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण योगदान दिया। ग्रामीण क्षेत्र में इसका व्यापक असर दिखाई दिया'। इससे किसान संघर्ष मजबूत हुए। इस दौरान जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, सत्यवीर सिंह, विजयपाल घोपला, विनेश प्रधान, हर्ष चहल, हरेंद्र, विनय, विपुल, रामबोस, धर्मपाल, प्रिंस, बबलू सिसौला, हरवीर , विक्रांत आदि मौजूद रहे।