Meerut News: गाजियाबाद जीएसटी दफ्तर में कपड़े उतारने वाले लोहा व्यापारी के पिता बोले-उत्पीड़न से मजबूर होकर मेरे बेटे को यह कदम उठाना पड़ा

Meerut News: गाजियाबाद जिले में मोहन नगर पर स्थित जीएसटी ऑफिस जो कि पहले सेल्स टैक्स चेक पोस्ट के नाम से जाना जाता था उसके ऑफिस में एक व्यापारी ने अधिकारियों के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। व्यापारी ने ऑफिस के अंदर अधिकारी के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर उनके सामने धरने पर बैठ गया।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-10-06 15:45 IST

Ghaziabad News (Pic-Newstrack)

Meerut News:राज्य जीएसटी विभाग के मोहननगर स्थित कार्यालय में कपड़े उतारकर हंगामा करने वाले मेरठ निवासी लोहा व्यापारी के पिता राजीव जैन ने आज कहा कि उनके बेटे ने जीएसटी विभाग के उत्पीड़न से तंग आकर यह कदम उठाया है। उन्होंने का कहा बेटे के इस कदम का व्यापारी वर्ग भी समर्थन कर रहा है। जीएसटी विभाग की लूट को लेकर घटना के बाद से मेरे और मेरे बेटे के पास हजारों व्यापारियों के फोन आ चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा घटना को लेकर कहा है कि बहुत अच्छा काम हुआ है। जीएसटी विभाग वालों ने लूट मचा रखी है। अंधी काट रखी है। हद कर रखी है। हम आपके साथ हैं। गौरतलब है कि घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया हैं। उन्होंने वीडियो ट्वीट करके कहा, ये है भाजपा राज में ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस’ का सच: भाजपा ने व्यापारियों के कपड़े तक उतरवा लिए हैं। व्यापारी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

बता दें कि गाजियाबाद जिले में मोहन नगर पर स्थित जीएसटी ऑफिस जो कि पहले सेल्स टैक्स चेक पोस्ट के नाम से जाना जाता था उसके ऑफिस में एक व्यापारी ने अधिकारियों के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। व्यापारी ने ऑफिस के अंदर अधिकारी के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर उनके सामने धरने पर बैठ गया। इसका एक वीडियो वायरल हुआ है। इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष ने कोई लिखित शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। आरोप कि जुर्माने का डर दिखाकर सचल दल दस्ते के सहायक आयुक्त द्वारा व्यापारी से एक लाख रुपये रिश्वत मांगी गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया हैं। उन्होंने वीडियो ट्वीट करके कहा, ये है भाजपा राज में ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस’ का सच: भाजपा ने व्यापारियों के कपड़े तक उतरवा लिए हैं। व्यापारी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

हालांकि घटना पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहीं विभागीय अधिकारियों के अनुसार मेरठ दिल्ली रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित अरिहंत आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री से माल गाजियाबाद के मुकुंदनगर ले जाया जा रहा था। डिलीवरी चालान में 10.250 मिट्रिक टन ब्राइट बार उल्लेखित था, लेकिन चालान के साथ कोई कांटा पर्ची नहीं लगी थी। ऐसे में माल लदे वाहन को मोहननगर स्थित सचल दल कार्यालय लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी को जांच के दौरान पाई गई विसंगतियों के बारे में बताया गया, लेकिन व्यापारी ने अपनी कमियों को नकारते हुए हंगामा शुरू कर दिया। राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड-1 दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि संबंधित व्यापारी ने सचल दल अधिकारी व अन्य अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए हंगामा किया था। इस अधिकारी के अनुसार जांच के दौरान वाहन में लदे माल का वजन 170 किलोग्राम अधिक पाया गया। 118 प्रतिशत की दर से अर्थदंड आरोपित करते हुए व्यापारी को नोटिस जारी किया गया। व्यापारी ने वाहन चालक की गलती बताते हुए 10,532 रुपये जमा भी कराए हैं, जिसके बाद शुक्रवार रात करीब 10 बजे वाहन को अवमुक्त किया गया।

इधर,मेरठ में लोहा व्यापारी राजीव जैन ने न्यूजट्रैक को घटना के बारे में जानकारी देते हुए आज बताया कि हमारी जो गाड़ी बुक होकर गई थी मेरठ से गाजियाबाद उसका ई-वे बिल सब बना हुआ था। वजन वगैरह सब लिखा हुआ था। सब चीज ओके थी। उसके बावजूद वें गाड़ी को गाजियाबाद स्थित कांटे से जब गाड़ी का वजन हो रहा था। अपनी कस्टडी में लेकर चले गये। सूचना पर हमने कई बार विभागीय अफसरों को फोन मिलाया। लेकिन,फोन रिसीव नहीं किया गया। लगभग तीन बजे के करीब उन्होंने फोन रिसीव किया। गाजियाबाद एसोसिएशन के जो अध्यक्ष हैं उन्होंने अधिकारी से कहा कि आपने जो गाड़ी आपने अपनी कस्टडी में ली है आखिर उसमें क्या कमी है। इस पर अधिकारी ने कहा कि साहब आप अपने व्यापारी को भेज दो।

बकौल व्यापारी राजीव जैन-,आफिस बुलाने के पीछे उनका मकसद यही था कि यहां बुलाकर व्यापारी को डराएंगे,धमकाएंगे और अवैध वसूली करेंगे। जब फोन पर बात नहीं बनी तो हम और हमारे साथी व्यापारियों ने आफिस पहुंच कर पूछा कि बताओं इस मामले में आपको कहीं से कहीं तक टैक्श चोरी का मामला लग रहा है आपको। इस पर अधिकारी बोले की टैक्श चोरी का तो कोई मामला नहीं है। इस पर व्यापारी बोले कि इस मामले में व्यापारी की कोई टैक्श चोरी इन्टैंशन है या व्यापारी कुछ गलत कर सकता है। इस पर भी अधिकारी ने जवाब दिया कि नहीं ऐसा भी नहीं है। इस पर हमने और हमारे साथ गये व्यापारियों ने पूछा की फिर आप क्यों रोक रहे हो। इस पर अधिकारी बोले कि एक बार गाड़ी हमारे कब्जे में आ गई तो बिना पैनल्टी के तो हम छोड़ते नहीं। हमें यह भी अधिकार है कि धारा 129,130 के अन्तरगत अपने विवेकानुसार जो हम चाहे वह कर सकते हैं।

व्यापारी का आरोप है उनसे अधिकारियों ने यहां तक कह दिया कि 85 लाख रुपये हर महीने एकत्रित करने का लक्ष्य सरकार से मिला है। आखिरकार तंग आकर मेरा बेटा अक्षत जैन अपने कपड़े उतार कर धरना देकर दफ्तर में ही बैठ गया।

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