Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का लिया गया निर्णय

Meerut News: केंद्र में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी, ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। यह केंद्र न केवल युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने का माध्यम बनेगा, बल्कि देश के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-12-03 20:22 IST

 चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का लिया निर्णय (newstrack)

Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा बैडमिंटन एवं शटलकॉक निर्माण का केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में फ्यूचर मॉडर्न स्किल सेंटर (उत्कृष्टता केंद्र) की भी स्थापना की जाएगी। इसी संदर्भ में भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय के मंत्री जयंत चौधरी के निजी सचिव एवं मेरठ के पूर्व कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार और उनकी टीम ने सर छोटू राम इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संस्थान का निरीक्षण किया। निरीक्षण से पूर्व टीम ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला से मुलाकात की और एक प्रेजेंटेशन दिया।

इस प्रेजेंटेशन में उन्होंने बताया कि कौशल केंद्र किस प्रकार कार्य करेगा और इससे किस प्रकार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने इस पहल को विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास केंद्र से युवाओं को आधुनिक तकनीक एवं उद्योगों के लिए आवश्यक कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस पहल से कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता के साथ स्थानीय उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी। प्रशिक्षण के बाद युवा आत्मनिर्भर बनकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर समाज में अपना मजबूत स्थान बना सकते हैं। कुलपति ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए, महिला प्रतिभागियों की संख्या बढ़ाई जाए तथा उद्योगों से साझेदारी कर पाठ्यक्रम को अधिक व्यवहारिक बनाया जाए।

केंद्र में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी, ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। यह केंद्र न केवल युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने का माध्यम बनेगा, बल्कि देश के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।

इस अवसर पर शोध निदेशक प्रोफेसर वीरपाल सिंह, प्रोफेसर मृदुल गुप्ता, प्रोफेसर हरे कृष्ण, प्रोफेसर अनिल मलिक, प्रोफेसर प्रदीप चौधरी, प्रोफेसर बिंदु शर्मा, इंजीनियर मनीष मिश्रा शैलेंद्र जायसवाल आदि मौजूद रहे।

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