Loksabha Election 2024: त्यागियों की नाराजगी बीजेपी को पड़ सकती है भारी, इंडिया गठबंधन को ...

Meerut News: त्यागी भूमिहार ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी कहते हैं- देश के राजनीतिक दलों ने त्यागी भूमिहार समाज को अछूत बनाकर रख दिया है। अब समाज अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी तय करने वाले दल को ही समर्थन देगा।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-03-10 12:10 GMT

Meerut News (Pic:Newstrack)

Meerut News: तीन कृषि कानूनों को लेकर नाराज चल रहे किसानों के बाद अब त्यागी समाज की नाराजगी 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ सकती है ? त्यागी समाज में श्रीकांत मामले के बाद ताजा नाराजगी लोकसभा में त्यागी समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने को लेकर है। त्यागी भूमिहार ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी कहते हैं- देश के राजनीतिक दलों ने त्यागी भूमिहार समाज को अछूत बनाकर रख दिया है। अब समाज अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी तय करने वाले दल को ही समर्थन देगा।

बीजेपी को सिखा देंगे सबक  

वहीं त्यागी समाज के नेता राजीव त्यागी का साफ कहना है कि बीजेपी के चुनाव में त्यागी समाज के वोट तो थोक में चाहिए। लेकिन,जब त्यागी समाज को प्रतिनिधित्व देने की बात आती है तो छोटा-मोटा झुन-झुना हाथ में थमा बहलाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन, इस बार त्यागी समाज को पश्चिमी यूपी में लोकसभा टिकट देने में इंसाफ नहीं किया गया तो पश्चिमी यूपी में बीजेपी को सबक सिखा देंगे।

मेरठ मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष एंव रोडवेज कमर्चारी यूनियन नेता राजीव त्यागी का कहना है कि त्यागी समाज पश्चिमी यूपी में मेरठ की लोकसभा सीट पर किठौर के पूर्व विधायक सत्यवीर त्यागी के टिकट की मांग इस दावे के साथ कर रहा है कि पार्टी अगर सत्यवीर त्यागी को टिकट देती है तो हम इस सीट को इस बार लाखों के अंतर से जीत कर भाजपा की झोली में डाल देंगे। त्यागी कहते हैं-वैसे त्यागी समाज की एकता और ताकत बीजेपी खतौली विधानसभा के उपचुनाव हारने के बाद जान ही चुकी होगी।

राजीव त्यागी के अनुसार सत्यवीर त्यागी जितना मजबूत और लोकप्रिय प्रत्याशी बीजेपी को शायद ही मिल सकेगा। गौरतलब है कि सत्यवीर त्यागी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के कद्दावर नेता कहे जाने वाले पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर को उनके ही गढ़ किठौर सीट पर हरा कर राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी थी। सत्यवीर त्यागी भाजपा में आने से पहले सपा और रालोद में बड़े जिम्मेदार पदों पर काम कर चुके हैं।

रालोद में तो सत्यवीर त्यागी पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी कई साल निभा चुके हैं। बता दें कि पश्चिमी यूपी की सियासत में त्यागी समुदाय वोटरों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। गाजियाबाद, बिजनौर, मेरठ, बागपत, नोएडा, बुलंदेशहर, अमरोहा में अच्छी खासी संख्या में हैं। एक समय कांग्रेस के वोट बैंक माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ चुनावों से बीजेपी के साथ हैं।

गाजियाबाद में सभी विधानसभा सीटों पर त्यागी वोट प्रभाव रखते हैं। खासकर गाजियाबाद महानगर, साहिबाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर, लोनी पर खासी तादाद है। हापुड़ जिले में हापुड़ नगर और गढ़मुक्तेश्वर सीट पर प्रभाव है। मेरठ जिले में किठौर, मेरठ दक्षिण, सरधना और हस्तिनापुर में मजबूत स्थिति में हैं। मेरठ कैंट और मेरठ शहर मे भी त्यागी वोटरों का दखल है। मुजफ्फरनगर जिले की बुढ़ाना सीट पर दखल बढ़ गया है। मुजफ्फरनगर शहर, चरथावल, खतौली में असर है। बागपत में बागपत सिटी, बड़ौत में आंशिक असर है। शामली में जरूर हल्का असर है, लेकिन सहारनपुर जिले की विधानसभा सीट सहारनपुर नगर, बेहट, रामपुर मनिहारन में असर है।

देवबंद सीट पर तो बड़ा प्रभाव है। बिजनौर जिले की चांदपुर सीट पर और बिजनौर नगर और धामपुर में भी असर है। अमरोहा में कई विधानसभा सीटों पर त्यागी वोटर खासा असर रखते हैं। मुरादाबाद में भी दो सीटों पर त्यागी असरदार हैं। एक सीट से तो सर्वेंद्र त्यागी विधायक भी रहे हैं। बुलंदशहर जिले की स्याना सीट पर निर्णायक स्थिति में हैं। यहां से राकेश त्यागी विधायक और मंत्री रहे हैं। इसी के साथ वेस्ट यूपी के बाकी जिलों में भी त्यागी कई जगह असरदार माने जाते हैं।

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