Meerut News: मेरठ में भाजपा नेता ने सीएमओ कार्यालय की टेंडर प्रक्रिया पर उठाए सवाल
Meerut News: भाजपा नेता ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत विभागीय कार्य हेतु ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा टैक्सी परमिट वाहन टेंडर के माध्यम से चलाए जाते हैं।
Meerut News: मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में टैक्सी परमिट की वाहन टेंडर प्रक्रिया को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अंकित चौधरी ने सवाल उठाए हैं।आरोप है कि चहेती फर्म को टेंडर देने के लिए नियमों की अनदेखी की गई और अन्य कंपनियों के टेंडर रद्दी में डाल दिए गए। इस मामले को लेकर भाजपा नेता अंकित चौधरी ने डीएम से मिलकर जांच की मांग की है।
भाजपा नेता अंकित चौधरी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार पूर्व में भी अपंजीकृत एनजीओ को नियम विरुद्ध वैक्सीनेशन कराने की परमिशन देना और अब मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों द्वारा जिसमें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेश चंद्रा मुख्य रूप से शामिल है। भाजपा नेता ने कहा कि उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी होते हुए इनको अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर के महत्वपूर्ण चार्ज दिए गए हैं। इन्होने अपने पसंदीदा वेंडर को टेंडर दिलाने के लिए अन्य फर्मो द्वारा डाली गई निविदा को भी बिना कारण बताए डिसक्वालीफाई कर दिया।
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत विभागीय कार्य हेतु ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा टैक्सी परमिट वाहन टेंडर के माध्यम से चलाए जाते हैं। 10 वर्षों से बजरंग ट्रैवल्स द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत टैक्सी वाहन चलाए जा रहे थे वर्तमान में अन्य ट्रैवल्स द्वारा टैक्सी वाहन की सुविधा दी जा रही है लेकिन बजरंग ट्रेवल्स द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों से मिलीभगत कर तकनीकी बिड में अन्य फर्मों को नियम विरुद्ध तरीके से डिसक्वालीफाई करवा कर अपनी फर्म की तकनीकी स्वीकृत कराकर टेंडर लेने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में जो ट्रेवल्स एजेंसी टैक्सी परमिट वाहन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करा रही है उसे फर्म को भी तकनीकी तौर से बिना कारण बताएं डिसक्वालीफाई कर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में टेंडर जेम पोर्टल के द्वारा किए जाते हैं टेंडर पूर्ण करने की अवधि 45 दिनों से 90 दिनों तक रहती है यदि 90 दिन के अंदर टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जाती है तो टेंडर को निरस्त कर दोबारा टेंडर निकाला जाता है लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों द्वारा इस नियम की अनदेखी कर टैक्सी परमिट वाहनों का टेंडर 6 महीने बाद खोला जा रहा है और जिस फर्म को डिसक्वालीफाई किया जाता है उसका कारण और 2 दिन का समय संबंधित फर्म को दिया जाता है बिना कारण और दो दिन का समय दिए बिना किसी भी फर्म को डिसक्वालीफाई नहीं किया जा सकता है लेकिन इनके द्वारा अपनी पसंदीदा फर्म को तकनीकी तौर से क्वालीफाई किया गया है और अन्य फर्म को बिना कारण बताएं डिसक्वालीफाई कर दिया गया। इस मौके पर सौरभ पंडित, नित्यम राजपूत, रोहताश शर्मा ,सौरव खत्री, अंकुर भड़ाना ,अभिषेक जैन ,अभिलाष तोमर आदि मौजूद रहे।