Meerut News: राज्य पक्षी सारस का कुनबा बढ़ने से वन विभाग उत्साहित
Meerut News: 20 जून से चल रही सारस गणना शुक्रवार को पूरी हो गई। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि ग्रीष्मकालीन सारस गणना में जनपद मेरठ में 51 सारस देखे गये।
Meerut News: जनपद में सारस की ग्रीष्मकालीन गणना में सारस के कुनबे में वृद्धि होने से वन विभाग गदगद है। मेरठ में 20 जून से चल रही सारस गणना शुक्रवार को पूरी हो गई। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि ग्रीष्मकालीन सारस गणना में जनपद मेरठ में 51 सारस देखे गये। जिनमें 47 व्यस्क एवं 4 बच्चे देखे गये। इससे पूर्व वर्ष 2022 ग्रीष्मकालीन सारस गणना में जनपद मेरठ में 47 सारस दिखायी दिये थे एवं वर्ष 2023 में 45 सारस देखे गये थे। विगत वर्षों एवं वर्तमान वर्ष में सारस मुख्य रूप से मालीपुर, भीकुण्ड(सराय खादर) द्रोप्दी घाट, गणेशपुर चेतावाला मार्ग, सिकन्दरपुर वन ब्लाक में सारस दिखायी दिये। डीएफओ के अनुसार गणना कार्य में वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ विश्व प्रकृति निधि-भारत, शिक्षण संस्थाओं, प्रबुद्ध नागरिकों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग रहा।
एक जुलाई 2014 को सारस को घोषित किया गया राज्य पक्षी
डीएफओ राजेश कुमार के अनुसार 01 जुलाई 2014 को सारस को राज्य पक्षी घोषित किया गया था। सारस क्रेन प्रजाति ऐतिहासिक रूप से भारत के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी तराई क्षेत्रों में गंगा नदी के मैदानों में पाई जाती है। भारत में सारस क्रेन को पवित्र पक्षी माना जाता है व मानव द्वारा इसे कभी नुकसान नहीं पहुँचाया जाता है। सारस क्रेन को भारत में हमेशा विशेषाधिकार प्राप्त सामाजिक दर्जा प्राप्त है।
डीएफओ बताते हैं कि इस पक्षी के साथ कई मिथक जुड़े हुए हैं। इस पक्षी को बिना शर्त प्यार, भक्ति और सौभाग्य के शाश्वत प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में नवविवाहित जोड़ों को एक सारस जोड़ी को देखने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि अगर जोड़े में से एक पक्षी की मृत्यु हो जाती है तो दूसरा किसी भी भोजन या पानी को मना कर भुखमरी की ओर बढ जाता है।
यह है सारस पक्षी की पहचान
व्यस्क सारस क्रेन के ग्रे रंग के पंख और शरीर लाल रंग का सिर एवं गर्दन होती है। चोंच तीखी लंबी और हरी होती है। नर व मादा में रंगों में कोई भेद नहीं होता परंतु नर औसतन मादा से बड़े होते है। नर के सिर व गर्दन का लाल रंग प्रजनन के मौसम में ज्यादा चमकदार होता है। युवा सारस क्रेन का रंग भूरा होता है जो कि उम्र के साथ-साथ बदलता रहता है। अव्यस्कों की चोंच का निचला भाग पीला व सिर भूरा होता है और पंखों से ढका रहता है। सिर के पास व पीछे का हिस्सा नुकीले पंखों से ढका रहता है।