Meerut News: असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को बड़ा झटका, तीन पार्षदों समेत छह ने पार्टी छोड़ी; मचा हड़कंप

Meerut News: AIMIM नेता पार्टी छोड़ अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि मेरठ नगर निगम चुनाव में एआईएमआईएम के 11 पार्षद जीते थे।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-01-11 18:13 IST

Meerut News: असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को गुरुवार यूपी के मेरठ में जबरदस्त झटका लगा है। नगर निगम के तीन पार्षदों ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी छोड़ने वाले पार्षदों में वार्ड 79 किदवई नगर के पार्षद आसिफ सैफी, वार्ड 85 जाकिर हुसैन कालोनी के पार्षद शब्बीर कस्सार और वार्ड 88 श्याम नगर पूर्वी की पार्षद रिहाना हैं। इनके अलावा पार्टी की महानगर इकाई के तीन पदाधिकारियों रईस सैफी और कयूम अंसारी आदि ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। हालांकि अभी पार्टी छोड़ने वाले इन नेताओं ने अपने नये कदम के बारे में कुछ नहीं बताया है। कहा जा रहा है कि छह नेता समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। बता दें कि मेरठ नगर निगम चुनाव में एआईएमआईएम के 11 पार्षद जीते थे। तीन पार्षदों के इस्तीफें के बाद अब नगर निगम सदन में एआईएमआईएम पार्षदों की संख्या आठ रह गई है।

एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष फहीम एडवोकेट ने पार्षदों के इस्तीफें के बारे में पूछे जाने पर न्यूजट्रैक से कहा कि जिन पार्टी पार्षदों ने आज इस्तीफा दिया है, उनकी गतिविधि बहुत पहले से ही संदिग्ध थी। वे अंदरखाने समाजवादी पार्टी में सक्रिय थे। उन्होंने नगर निगम कार्यकारिणी के चुनाव में भी पार्टी को धोखा देने की कोशिश की थी। हमें इस बारे में पता चला तो हमने इन्हें समझाया था। इन्होंने अपनी गलती यह कर मान भी ली थी कि हमसे गलती हो गई। हम सपा विधायक अतुल प्रधान के बहकावें में आकर बहक गये थे। अब आगे से ऐसा नहीं करेंगे। ये लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आये इसलिए हम इन्हें आज निष्कासित करने वाले थे। लेकिन, इन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया।

नगर अध्यक्ष से प्रताड़ित होकर पार्टी से इस्तीफा 

वहीं, पार्टी छोड़ने वाले एआइएमआइएम के पार्षदों का कहना है कि उन्होंने महानगर अध्यक्ष इमरान इलाही से प्रताड़ित होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन पार्षदों ने आरोप लगाया के महानगर अध्यक्ष जहां भाजपा के साथ साज करके चल रहे हैं , वहीं वह खुद और कार्यकर्ता पार्षदों से अभद्रता करते हैं। पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा से मिली भगत के चलते ही नगर निगम कार्यकारिणी में भाजपा के आठ पार्षद निर्वाचित हुए। महानगर अध्यक्ष ने किसी भी पार्षद को अन्य किसी दल से संपर्क नहीं करने दिया गया। यदि हम संपर्क करते तो कार्यकारिणी में हमारे भी पार्षद चुनकर आ सकते थे। यही नहीं हाल ही में नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान हमारे साथ हुई मारपीट के मामले में भी पार्टी का कोई बड़ा नेता हमारे पक्ष में सामने नहीं आया। इन्हीं सब बातों से व्यथित होकर भी त्यागपत्र दे रहे हैं।

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