Meerut News: भाकियू की मैंगो पार्टी, कभी मेरठ के आम के बागों में जुटती थी बड़ी-बड़ी राजनैतिक हस्तियां

Meerut News: पुराने जानकार बताते हैं कि 90 के दशक तक मेरठ के आम बागों में राजनैतिक दलों के दिग्गज आम का स्वाद लेने आते थे।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-07-14 20:44 IST

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Meerut News: किसानों की समस्याओं को लेकर आए-दिन धरना व प्रदर्शन करने वाली भारतीय किसान यूनियन मेरठ मंडल द्वारा मेरठ मवाना रोड़ के ग्राम सैदीपुर सेठ के बाग में रविवार को मैंगो पार्टी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के लोगों ने आम का स्वाद लेकर पार्टी का आनंद उठाया। यहां बता दें कि मेरठ के आम के बागों में कभी बड़ी-बड़ी राजनैतिक हस्तियां जुटती थी। राजनैतिक हस्तियां -शेर-ओ-शायरी के बीच आम चूसने का मजा लेते थे।

मैंगो पार्टी का आयोजन राजीव गुर्जर युवा मंडल सचिव ने सरदार पंजाब सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप मे मेरठ मंडल अध्यक्ष गुड्डू प्रधान व युवा मेरठ मंडल अध्यक्ष जीते चौहान शामिल रहे। मैंगो पार्टी में शामिल हुए मंडल अध्यक्ष गुड्डू प्रधान ने मैंगो पार्टी के महत्व को बताते हुए कहा कि भारी दामो पर बिकने वाला फलों का राजा आम इन दिनों सभी वर्गो के लोगो की पहुंच में आ जाता है। 10 माह तक खास रहने वाले भारत के सबसे स्वादिष्ट व विख्यात फल का स्वाद सामुहिक आयोजन में और अधिक मिठास भर देता है।


आज की मैंगो पार्टी में मुख्य रूप से संगठन मंत्री राजकुमार करनावल, मेरठ मंडल उपाध्यक्ष लोकेश सिवाच, दिनेश त्यागी मंडल प्रवक्ता, रविंद्र दौरलिया, उपेन्द्र प्रधान, मास्टर जगशोरण चिंदौरी, गजेंद्र दबथुवा, धीर सिंह, बबलू जिटोली, सफीक अहमद, कैप्टन कपिल शर्मा, मास्टर सुभाष, मनोज, हरेंद्र बना, अंकुर गुर्जर संदीप कोचर, कर्म सिंह गुर्जर, जय करण सिंह गुर्जर, घनश्याम सिंह गुर्जर, सफीक अहमद, संदीप दबथुआ, संजय भाटी, राहुल नागर, संजू गुर्जर, अंकुश गुर्जर, मनोज बदरपुर, तेजिंदर बतला, चौधरी हरेंद्र मारकपुर, चौधरी नरेंद्र, सतेंन्द्र, बालकिशन, कालू, विमल भाटी, दीपक भाटी, अंकित गुर्जर, आदि शामिल रहें।

पुराने जानकार बताते हैं कि 90 के दशक तक मेरठ के आम बागों में राजनैतिक दलों के दिग्गज आम का स्वाद लेने आते थे। बाग में चारपाइयों पर बैठकर अटल बिहारी वाजपेयी, चंद्र्शेखर और बलराम जाखड़ के अलावा मोराजजी देसाई तक आम चूसने का मजा लिया करते थे। वक्त के साथ-साथ बागों में अब राजनैतिक दलों के दिग्गजों की जुटने वाली महफिले भी विलुप्त हो गई हैं।

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