UP Politics: मायावती का बयान फिर बना मुसलमानों की नाराजगी का सबब
UP Politics: लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने देश भर में 424 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारे थे। इसमें से उत्तर प्रदेश की 79 सीटें भी शामिल थीं।
Meerut News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के पिछले दिनों दिये गये बयान से मुसलमानों में नाराजगी है। दरअसल, मायावती ने लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कहा था कि बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज, जो पिछले कई चुनावों में और इस बार भी उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद भी बीएसपी को ठीक से नहीं समझ पा रहा है। अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझ कर ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौका दिया जाएगा, जिससे आगे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान ना हो। मायावती के इस ताजा बयान को लेकर मुसलमानों में नाराजगी दिख रही है।
बसपा ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया था टिकट
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने देश भर में 424 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारे थे। इसमें से उत्तर प्रदेश की 79 सीटें भी शामिल थीं। उत्तर प्रदेश में बसपा ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। जिसमें कोई भी जीतने में कामयाब नहीं हुआ। मुस्लिम उम्मीदवारों को तो छोड़ दीजिए, बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली। जबकि यूपी में पिछले लोकसभा चुनाव में एसपी और आरएलडी के साथ गठबंधन में बीएसपी ने 10 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार के चुनाव पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल सकी।
वैसे,यह कोई पहला मौका नहीं है जब मायावती के किसी बयान से मुसलमान नाराज हुए हैं। इससे पहले 2006 में मायावती के कथित रुप से मुसलमानों को कट्टरपंथी कहने बयान के बाद मुसलमानों में मायावती के प्रति नाराजगी देखी गई थी। तत्कालीन बसपा के निलंबित सांसद हाजी शाहिद अखलाक ने तो बकायदा मायावती के इस बयान के बाद यह कहते हुए बगावत कर दी थी कि मुसलमानों को कट्टरपंथी कहने वाली मायावती शायद यह भूल गई कि जिस कौम को उन्होंने कट्टरपंथी कहा है वह साथ नहीं होती तो बसपा का परचम उत्तर प्रदेश में कभी नहीं फहराता। मायावती का यह वीडियो 2022 के चुनाव में भी काफी वायरल हुआ था। जिस पर बाद में मायावती को सफाई देनी पड़ी थी।