Meerut: मेरठ में बिजली चोरी अब नामुमकिन ! विजिलेंस टीम अलर्ट, अस्थायी कनेक्शन बिना कोल्हू चलाया तो...

Meerut News : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइडलाइन के बाद भी इन कोल्हू में मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां गुड़ बनाने के लिए खोई की जगह धड़ल्ले से पॉलिथीन और रबड़ जलाई जा रही है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-12-08 21:35 IST

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Meerut News : मेरठ में बिजली चोरी पर लगाम कसने के लिए शुक्रवार (08 दिसंबर) को पीवीवीएनएल के सभी 14 जिलों में आदेश जारी कर विजिलेंस टीम को अलर्ट कर दिया है। साथ ही, यह आदेश भी जारी कर दिया है कि कोई भी बिना कनेक्शन बिजली का उपयोग करते पाया गया तो एफआईआर दर्ज की जाएगी। पीवीवीएनएल प्रबंध निदेशक, चैत्रा वी. ने बताया कि, उनके द्वारा विभागीय अफसरों की टीम गठित कर दी गई है। टीम द्वारा पीवीवीएनएल के सभी 14 जिलों में छापेमारी की जा रही है।

अस्थायी कनेक्शन बिना नहीं चलेंगे कोल्हू/केन क्रेशर  

इस संबंध में पीवीवीएनएल प्रबन्ध निदेशक, चैत्रा वी. ने सभी अधिशासी अभियन्ता(वितरण) को निर्देशित किया है कि कोल्हू/केन क्रेशर के अस्थायी बिजली कनेक्शन के बिना किसी भी स्थिति में केन क्रेशर या कोल्हू नहीं चलने दिया। इसी के साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर कोई कोल्हू संचालक या केन क्रेशर मालिक अस्थायी कनेक्शन के लिए आता है तो उसको परेशान नहीं किया जाए। उन्होंने कोल्हू और केन क्रेशर संचालकों को अस्थाई कनेक्शन लेने की अपील करते हुए कहा कि चोरी की बिजली से कोल्हू और केन क्रेशर चलते पाए जाने पर भारी जुर्माना लगाने के साथ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।  

इन जिलों में उपलब्ध है सुविधा 

इस सम्बन्ध में जिला मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, सम्भल, अमरोहा, रामपुर, बिजनौर में कोल्हू/केन क्रेशर के अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने की सुविधा प्रदान की जा रही है। उपभोक्ता सम्बन्धित खण्ड/उपखण्ड कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर कोल्हू/केन क्रेशर के अस्थायी बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।

गाइडलाइन के बाद उल्लंघन नमाफी 

आपको बता दें कि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइडलाइन के बाद भी इन कोल्हू में मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां गुड़ बनाने के लिए खोई की जगह धड़ल्ले से पॉलिथीन और रबड़ जलाई जा रही है। इसके चलते ग्रामीणों की सेहत को नुकसान के साथ वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

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