Motivagers Club: बुजुर्गों और युवाओं में आ रही दूरियों पर Motivagers Club के सदस्यों ने साझा किए अपने विचार
Motivagers Club कार्यक्रम के दौरान बुजुर्गों ने इस अवस्था में अकेलेपन और एकल परिवार की वजह से आम जीवन में आ रही समास्याओं और उससे निपटने के लिए सुझाव साझा किए।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में गोमती नगर स्थित एक रेस्टोरेंट में "मोटिवेजर्स क्लब" (Motivagers Club) के युवाओं ने शहर के बुजुर्गों के लिए एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में कुछ खास विषय पर चर्चा और कई तरह की फन एक्टिविटीज (fun activities) कराई गई जिसमें सभी ने बढ़कर हिस्सा लिया और सभी काफी खुश नजर आए।
कार्यक्रम के दौरान बुजुर्गों ने इस अवस्था में अकेलेपन और एकल परिवार की वजह से आम जीवन में आ रही समास्याओं और उससे निपटने के लिए सुझाव साझा किए। आजकल उच्च शिक्षा (Higher education) और बड़ी बड़ी कंपनियों में नौकरी करने के लिए बड़ी संख्या में युवा बाहर बड़े शहरों या विदेशों की तरफ पलायन कर रहे हैं और यही वजह है कि ना चाहते हुए भी बुर्जुग माता पिता को अकेले रहना पड़ रहा है। इस बारे में चर्चा हुई तो सभी ने अपने विचार साझा किए आइए जानते हैं शहर के बुजुर्गों के दिल की बात.......
बातचीत के दौरान सामने आई समस्याएं कुछ इस प्रकार हैं......
-इस उम्र के पड़ाव में अकेले रहने या बच्चों के साथ न होने में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि यदि अचानक हम बीमार हो जाए तो हम सबसे पहले क्या करें किसे सूचित करें कौन हमारी सहायता के लिए आएगा और यह सोच कर ही मन विचलित हो जाता है।
-जिन बच्चों को जिंदगी भर पाल पोस कर बड़ा किया उच्च शिक्षा दी और बेहतर जीवन शैली देने के लिए हर संभव प्रयास किया और आज जब हम बुजुर्ग अवस्था में आ गए हैं जब हमें बच्चों की सबसे ज्यादा जरूरत है तब वो हमारे साथ नहीं होते हैं।
-पहले के समय में बुजुर्गों का समय अपने पोते पोतियों के साथ खेलने और उन्हे आध्यात्म से जुड़ी बाते सुनने में आसानी से गुज़र जाता था इससे बुजुर्गों को अकेलापन भी नहीं महसूस होता था और युवाओं को आध्यात्म/ संस्कार से जुड़ी जानकारी भी मिल जाती थी।
-शारीरिक तौर पर स्वस्थ होने के बाद भी अकेलापन एक बीमारी की तरह सामने आ रहा है।
अकेलपन दूर करने और सामंजस्य बनाए रखने के लिए लोगों द्वारा साझा किए गए सुझाव......
-अपना समय बिताने के लिए किताबों को पढ़े और और गार्डन को खूबसूरत बनाने में खुद को व्यस्त रखें।
-अपने उम्र के लोगों के साथ जुड़े रहें इसके लिए सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम है।
-आस पास के पार्कों में रोजाना टहलने जाएं।
-मोटिवेजर्स क्लब संस्था में जुड़कर हम लोग काफी मस्ती करते हैं और अपने ही उम्र के लोगों के साथ समय बिताने का अच्छा मौका मिलता है।
-समय बदल गया है और बदलते हुए समय को देखते हुए हम बुजुर्गों को भी बच्चों के जीवन में बहुत ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि माता पिता और बहु बेटे दोनों ही आपस में सामंजस्य बना कर रहें।
-कुछ बातों को इग्नोर कर परिवार में खुशियां बरकरार रह सकती हैं।
-अधिकतर लोगों की समस्या में एक आम समस्या यह रही कि बीमारी के वक्त हम किससे मदद मांगे और बुढ़ापे में उनका खयाल कौन रखेगा।
पासिंग द पार्सल बना खुशियों का पिटारा
कहा जाता है कि बच्चे और बुर्जुग एक समान होते हैं और यह खेल के दौरान साबित भी हो जाता है। पासिंग द पार्सल गेम में सभी काफी एक्साइटेड नजर आए, पार्सल कहीं उनपर ना आ कर रुक जाए इसके लिए तो कुछ पार्सल को जल्दी से बगल में फेंक दे रहे थे। वहीं जिनके पास पास पार्सल रुक जा रहा था वो कुछ ने गाने सुनाए तो कुछ ने शायरी तो वहीं कुछ ने चुटकुले सुनाकर वहां मौजूद सभी लोगों का मंनोरंजन किया। इसके अलावा अन्य गेम भी कराए गए जिसमें जीतने वालों को गिफ्ट भी मिला।
जब केक काटकर मनाया जन्मदिन
बच्चे हो या बड़े बर्थडे का एक्साइटमेंट किसे नहीं होता, वहीं जैसे ही पूछा गया कि इस महीने किसका किसका बर्थडे होता है जल्दी से लोग सामने आ गए। इसके बाद केक काट कर सभी ने एक दूसरे को खिलाया। इसी के साथ बर्गर और फ्रूट जूस पीकर सभी ने बर्थडे सेलिब्रेशन किया।
कार्यक्रम के दौरान क्लब के फाउंडर गौरव छाबड़ा फाउंडर मेंबर आस्था सिंह के साथ रचित सिंह और सौम्या सिंह समेत अन्य वोलेंटियर मौजूद रहे।