Papaya Farming Tips: लाखों में कमाई, अब किसान कर रहे पपीते की खेती, यहाँ देखें पूरी जानकारी
Papita Ki Kheti Kaise Karen: किसान दिनेश कुमार सिंह ने बतायाकि पपीता की खेती के लिए साल में दो बार का समय उपयुक्त है।
Papita Ki Kheti Kaise Karen: मिर्जापुर, कहते हैं अगर कड़ी मेहनत और लगन से कोई परिश्रम किया जाए, तो उसका फल हमेशा ही मीठा होता है। साथ ही उन्नत तकनीक अपनाकर खेती किसानी किसानों के लिए समृद्धि भी ला सकती है। ऐसी ही खेती कर मिर्जापुर जनपद के पटेहरा ब्लॉक के नकटी गांव के एक किसान ने स्वयं अपनी समृद्धि का द्वार खोल लिया है। स्वास्थ्यवर्धक पपीता की मिठास लोगों को तो मिल ही रहा है, किसान भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं।
हरियाणा के एक किसान से इसकी प्रेरणा
यूपी के मिर्जापुर जनपद के पटेहरा ब्लॉक के नकटी गांव के किसान दिनेश कुमार सिंह ने 14 बीघा खेत में पपीता की खेती की है। किसान दिनेश सिंह ने बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश के कटनी में हरियाणा के एक किसान से इसकी प्रेरणा मिली है। इसके बाद मिर्जापुर के उद्यान विभाग की ही एक एजेंसी ने उन्हें प्रशिक्षित करने के साथ साथ बीज भी मुहैया कराया। जिसके चलते उन्होंने 14 बीघा में पपीता की खेती की है। फल भी तैयार है और उसे 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहे हैं।किसान ने बताया कि धान, गेहूं व अन्य फसलों के मुकाबले पपीता की खेती करने में लागत की तुलना में उन्हें करीब चार गुणा अधिक मुनाफा मिल रहा है। उनके यह खेती इस इलाके लिए मॉडल बन गई है।
ऐसा इसलिए है कि आसपास के इलाके में पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से पानी की कमी के कारण धान और गेहूं की फसल उगाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था, वे इसकी खेती कर अपनी समृद्धि के द्वार खोलने की तैयारी में हैं। किसान दिनेश कुमार सिंह ने बतायाकि पपीता की खेती के लिए साल में दो बार का समय उपयुक्त है। फरवरी ओर अक्टूबर माह इसकी खेती के लिए बेहतर समय है। खेती के बाद करीब चार से पांच माह में फल तैयार हो जाता है। उन्होंने कहाकि जुलाई के समय की गई खेती में अब फल तैयार होने लगा है। किसान ने बताया कि एक बीघा में बीज व दवा आदि पर करीब पांच हजार रुपये खर्च हुई है। चौदह बीघा में की गई खेती में अब उन्हें औसतन एक लाख रूपये से ऊपर का फल बेच चुके है।
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि पपीता की खेती में किसान को मुनाफा अधिक है। सरकार की ओर से भी किसानों को अनुदानित दर पर बीज मुहैया कराई जाती है। किसान चाहे, तो इसका लाभ उठा सकते हैं। किसान दिनेश कुमार सिंह ने उद्यान विभाग के द्वारा ड्रिप इरिगेशन के लिए उन्हें अनुदान मुहैया कराया गया है, जिसकी वजह से दिनेश सिंह पपीता की खेती का रकबा भी बढ़ा रहे है।