Mirzapur: एक करोड़ के मकान पर पत्नी का कब्जा, पति को धक्के मार निकाला, '...झूठे मुकदमों से बिखर गया पूरा परिवार'
Mirzapur News: पीड़ित पति ने बताया, '5 वर्ष पहले शौहर कमाल, उसके माता-पिता, भाई सभी के नाम कई मुकदमे दर्ज करा दिए। मुकदमे के चक्कर में ओमान से आने-जाने में लाखों खर्च हो गए। पूरा परिवार बिखर गया'।
Mirzapur News: यूपी के मिर्जापुर में एक पति का पत्नी के नाम मकान करना भारी पद गया। करोड़ के मकान की मालकिन बनते ही पत्नी ने उसी पति को बेदखल कर दिया। जिसके बाद अब पति दर-दर की ठोकरें खा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार (07 फ़रवरी) को पति ने कलेक्टर परिसर में जागरूकता अभियान चलाया। जिला प्रशासन से पीड़ित पति ने न्याय की गुहार लगाई है।
पति ने अपनी पत्नी पर उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने का भी आरोप लगाया। पत्नी की हरकत से सकते में आया पति जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गया और पत्नी से गुजारा भत्ते की मांग कर रहा है। कलेक्ट्रेट में मौजूद लोगों ने पति के दान पात्र में कुछ पैसे भी दान दिए।
जानिए क्या है मामला?
अब तक आपने पति द्वारा पत्नी को घर से निकालने और संपत्ति से बेदखल करने के सैकड़ों मामले सुने होंगे। लेकिन, यूपी के मिर्जापुर से आया ताजा मामला कुछ अलग है। यहां एक पत्नी ने अपने पति को ही घर से बेदखल कर दिया। ऐसा तब हुआ जब करोड़ का ये मकान खुद पति ने ही बीवी के नाम किया था। अब पति जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गया। पीड़ित पति ने बताया कि पत्नी ने न केवल घर से धक्के मारकर निकाला, बल्कि उसके खिलाफ कई झूठे मुकदमे भी दर्ज करा दिए। इन मामलों की पैरवी करते-करते वह अब कंगाल हो चुका है।
ओमान में काम करते हैं कमाल
जिला मुख्यालय पर अपना दर्द लिए पहुंचे कमाल अहमद ने पत्नी के उत्पीड़न की कहानी बयां की। बता दें ये मामला, कटरा कोतवाली क्षेत्र के नटवा मोहल्ला निवासी कमाल अहमद का है। इनका निकाह 30 वर्ष पहले हुआ था। उनके 3 बेटे हैं। कमाल अहमद ओमान में काम कर परिवार की बेहतरी के लिए पैसा जुटाते रहे। पत्नी के नाम एक करोड़ का मकान भी बनवाया। लेकिन, मकान मालकिन बनते ही बेगम का मिजाज बदल गया।
'पूरा परिवार बिखर गया, कुछ नहीं रहा'
पीड़ित ने बताया, '5 वर्ष पहले शौहर कमाल, उसके माता-पिता, भाई सभी के नाम कई मुकदमे दर्ज करा दिए। मुकदमे के चक्कर में ओमान से आने-जाने में लाखों खर्च हो गए। पूरा परिवार बिखर गया। उन्होंने कहा, पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे झूठे हैं। कई साक्ष्य दिए पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कई जगह की ठोकर खाकर मजबूर होकर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठना पड़ रहा है।'