UP News: यूपी बीजेपी में मचा घमासान, मंत्री नंद गोपाल नंदी ने अख्तियार किया बागी रूख, जानें वजह

UP News: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपनी ही सरकार और पार्टी के खिलाफ बागी रूख अख्तियार कर लिया है। इसके पीछे बड़ी वजह है सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला की बीजेपी में एंट्री। शनिवार को पूरे तामझाम के साथ शुक्ला को भगवा परिवार में शामिल कराया गया था।

Update:2023-04-23 16:36 IST
Cabinet Minister Nand Gopal Gupta Nandi (Photo: Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर इन दिनों सियासी माहौल गरमाया हुआ है। तमाम पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। इस बीच सत्तारूढ़ बीजेपी में घमासान मच गया है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपनी ही सरकार और पार्टी के खिलाफ बागी रूख अख्तियार कर लिया है। इसके पीछे बड़ी वजह है सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला की बीजेपी में एंट्री। शनिवार को पूरे तामझाम के साथ शुक्ला को भगवा परिवार में शामिल कराया गया था।

रईस चंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मंत्री नंद गोपाल नंदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने इन्हीं रईस चंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा था। जिसका स्थानीय सपाईयों ने भी कड़ा विरोध किया था। उन्हें बीजेपी का एजेंट तक बताया गया था। सपाईयो ने रईस चंद्र वापस जाओ-वापस जाओ के नारे लगाए थे। सपा में उभरी इस नाराजगी का नंदी को फायदा हुआ और वे बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे।

पार्टी में मेरे खिलाफ साजिश हो रही – नंदी

योगी कैबिनेट औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने अपने विरोधी रईस चंद्र शुक्ला के बीजेपी में शामिल कराए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक होने के बावजूद उनसे इस मामले को लेकर चर्चा तक नहीं की गई। जिस व्यक्ति ने मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा था, उसे पार्टी में शामिल करा लिया गया। ये बहुत ही गलत है। नंदी ने कहा कि पार्टी में मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है।

रईस चंद्र शुक्ला का भाजपा ज्वाइन कराना

प्रयागराज दक्षिणी सीट से बीजेपी विधायक ने कहा कि सपा प्रत्याशी के तौर पर 2022 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारे रईस चंद्र शुक्ला का भाजपा ज्वाइन कराना घोर अपमानजनक और आपत्तिजनक है। यह बीजेपी के रीति-नीति एवं पार्टी की लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरी आस्था के सिद्धांत के प्रतिकूल है। ये बेहद गंभीर प्रकरण है। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने आगे कहा कि कुछ लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं। वे अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनके इस मनमाने रवैये की घोर निंदा करता हूं। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

अपने ही सरकार पर उठा दिए सवाल

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी अपनी ही सरकार के फैसले पर भी सवाल उठा चुके हैं। पिछले दिनों उनके विभाग में संविदा पर हुई नियुक्तियों को लेकर उन्होंने प्रश्न उठाए थे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में उनकी तरफ से कोई बड़ा खुलासा हो सकता है। वहीं, बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व भी उनके बागी तेवर को लेकर क्या रूख अपनाता है, ये भी देखनी वाली बात होगी।

क्यों परेशान हैं नंद गोपाल नंदी ?

प्रयागराज की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इन दिनों खासे परेशान बताए जा रहे हैं। उनकी पत्नी अभिलाषा लगातार दो बार प्रयागराज की मेयर रह चुकी हैं। इस बार भी उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन यूपी बीजेपी ने इस बार निकाय चुनाव में टिकट वितरण के दौरान परिवारवाद को हावी न होने देने का फैसला लिया है, जिसके कारण नंदी समेत कई दिग्गजों के सगे-संबंधियों के पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की हसरत पूरी नहीं हो पाई।

शाइस्ता का नंदी पर यह आरोप

नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने टिकटों के ऐलान से ऐन पहले तक लखनऊ से लेकर दिल्ली दरबार तक अपनी पत्नी के टिकट के लिए पूरा जोर लगा दिया था। मगर फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिली। जिसे लेकर वो बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, उनकी पत्नी को टिकट न मिलने की बड़ी वजह माफिया अतीक अहमद के साथ उनकी पुरानी नजदीकी को भी माना जा रहा है। पिछले दिनों फरार चल रही अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने मंत्री नंदी पर उनका पैसा हड़पने का आरोप लगाया था। अतीक के साथ नंदी की कई तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। जिसके बाद से ही प्रयागराज मेयर के तौर पर उनकी पत्नी की दावेदारी हल्की पड़ गई। बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काटकर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को मैदान में उतारा है।

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