UP में कैसे हारेगा कोरोना: प्रशासन की लापरवाही, हॉटस्पॉट में भी खुल रही हैं दुकानें
सीतापुर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह खुद प्रशासन है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए किए गए उपाय बेअसर साबित हो रहे हैं।
सीतापुर: सीतापुर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह खुद प्रशासन है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए किए गए उपाय बेअसर साबित हो रहे हैं। इसी का नतीजा है, आधा शहर हॉटस्पाट घोषित कर बंद कर दिया गया है लेकिन यह सिर्फ कहने के लिए, दिखावे के लिए। हकीकत ये है कि बंद शटर के अंदर कारोबार चल रहा है। लोगों की यह लापरवाही और दुकानदारों की लालची प्रव्रत्ति से हॉटस्पाट का फंडा भी दिखावा बन गया है।
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शहर का ग्रीकगंज इलाका। हॉटस्पाट है। यहां कोरोना संक्रमित पाए गए थे। यहां कई दवा की दुकाने हैं। प्रशासन की निरंकुशता ही माना जाएगा कि दवा की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई। नतीजा ये हुआ कि मेडिकल स्टोर बंद होकर भी खुले हैं। आधा शटर बंद, बाकी सब खुला। पेड़ के नीचे झुंड लगाकर लोागों से दवा के पर्चे लेकर दवा का वितरण कर दवा बिक्री का काम धडल्ले से जारी है। अब सवाल ये है कि जब यह दवा विक्रता झुंड लगाकर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा ही रहे हैं तो फिर यहां हॉटस्पाट घाषित करने का मतलब क्या रह गया है। इसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है। दवा वितरण कराना भी अनिवार्य होना चाहिए। इसके लिए सामाजिक दूरी के तहत इंतजाम किया जाता पर ऐसा नहीं हो रहा है। जिस तरह भीड़ जुट रही है उससे तो कोरोना और पसर सकता है। इसी तरह यहां पनीर की दुकानें बंद हैं पर बिक्री घर से हो रही है। यानी, लोगों का संपर्क जारी है।
शहर के आलमनगर, शास्त्री नगर, विजय लक्षमी नगर समेत आधा दर्जन इलाकों में हॉटस्पाट है। विकास भवन तक कोरोना की चपेट में है। कलेक्ट्रेट कर्मचारी दहशत में हैं। शहर की बाजार में जिन दुकानों को जिस बंद रखना है वह भी खुल रहीं। भीड़ ठसा-ठस। यह ढिलाई शहर से लेकर गांव तक है जिसके चलते चोर किस्म के लोग मलाई काट रहे हैं। जबकि इसका खामियाजा खुद आम लोग ही भुगत रहे हैं, प्रशासन पर क्या फर्क पड़ना है। कल ही 28 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। आज आई रिपोर्ट में 13 लोग संक्रमित पाए गए। शहर के बीच स्थित एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी कोरोना पाजटिव पाया गया है। जाहिर है, कोरोना वायरस किसी एक ठिकाने तक सीमित नहीं रह गया है। हर गली मुहल्ले तक दस्तक दे चुका है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है बशर्तें, प्रशासन जहां हाट स्पाट बनाए वहां पर लोगों की जरूरतों का भी ध्यान रखे।
रोटी गोदाम में बनाए गए क्वारंटीन केंद्र पर मौजुद लोगों को पानी, भोजन की दरकार है। दोपहर तक चाय तक नसीब नहीं हुई। दोपहर को दाल चावल सब्जी रोटी मिलनी चाहिए, दी जाती है पूडी सब्जी। क्वारंटीन किए गए लोगों ने गुरूवार को हंगामा किया तब डीएम अखिलेश तिवारी ने समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन दिया लेकिन, लापरवाही कौन कर रहा था, इसकी जांच और कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी गई। डीएम ने कहा, सतर्कता बरती जा रही है, कोविड 19 के तहत बनाए बए प्रोटाकाल और शासन के निर्देश के तहत कार्रवाई की जा रही है।
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21 दिन तक लागू किया जाए लॉकडाउन
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष आशीष मिश्र कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडने के लिए जरूरी है कि पूरे प्रदेश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू किया जाए। ऐसा न किया गया तो फिर इस वायरस से कोई नहीं बच पाएगा। उनके समर्थन में कई अन्य संगठनों ने भी आवाज उठाई है। खासकर वकील समुदाय लाकडाउन के पक्ष में खडा है। टैक्स बार एसोसिएशन के वकील तो 31 अगस्त तक के लिए न्यायिक कार्य से विरत होकर खुद को लाक डाउन कर भी लिया है।
रिपोर्ट- पुतान सिंह, सीतापुर
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