खबर का असर: मां-बाप को कंधे पर ढो रही युवती को प्रशासन से मिली मदद
उत्तर प्रदेश के शामली में बग्गी खींचने के मामले में newstrack.com की खबर का असर हुआ है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 50 हजार नगद देने का
शामली: उत्तर प्रदेश के शामली में बग्गी खींचने के मामले में newstrack.com की खबर का असर हुआ है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 50 हजार नगद देने का ऐलान किया है। साथ ही बग्गी खींचने के लिए घोडा भी खरीद कर दिया है। डीएम, एसपी ने अपने स्तर पर पीड़ित परिवार की मदद की है।
- खच्चर चोरी हुई बग्गी पर अपने नेत्रहीन माँ-बाप को खींच रही युवती को डीएम इंद्र विक्रम सिंह और पुलिस कप्तान डा. अजयपाल शर्मा की टीम ने शामली के साई मंदिर धाम पर पाया।
- गरीब परिवार की ऐसे हालत देख डीएम और एसपी ने 15000 रूपये की कीमत का घोड़ा, एक सुरक्षा गार्ड और 7000 नगद रूपए देकर बागपत के निवाडा गांव के लिए रवाना कर दिया।
खबर मिलने के बाद से ही पीड़ित परिवार की तलाश में थी पुलिस
- पुलिस ने जब newstrack.com की ये खबर पढ़ी तो उन्होंने इस परिवार की मदद करने का फैसला किया।
- तभी से पुलिस और डीएम इनको ढूंढने में लगे थे जो आखिरकार शामली में मंदिर के पास भूखे प्यासे पड़े मिले।
-पुलिस ने तीन दिन से भूखे प्यासे भाई बहन व नेत्रहीन माता-पिता को खाना खिलाया और वहीं चिकित्सक को बुलाकर पैरों में पड़े छालों की मरहम पटटी भी कराई।
क्या कहते हैं डीएम?
- शामली के डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि ये बहुत सवेंदशील घटना है। बागपत के इस परिवार की बच्ची को कोई साधु बहकाकर ले गये,उसकी तलाश जारी है। ये परिवार अपने घर पहूंच जाए इसके लिए इन्हें एक घोड़ा ओर कुछ आर्थिक सहायता दी गई है।
आपको बता दें कि बीती कावड़ यात्रा के दौरान बागपत के निवाड़ा गांव के निवासी सलमू की छोटी बेटी कावड़ मेले से लापता हो गई थी। पुलिस से शिकायत की गई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। काफी दिनों बाद नेत्रहीन सलमू को सूचना मिली कि लापता बेटी हरिद्वार में है। जब गरीब नेत्रहीन सलमू को कुछ नही सुझा तो सलमू अपनी बेटी बहोती के साथ उसकी तलाश में निकल पड़ा।