लखनऊ: अखिलेश सरकार ने यूपी में माननीयों के लिए खजाना खोल दिया है। पिछले साल उनके कुल वेतन में 25 हजार रुपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी कर दी गई, लेकिन उनके रखवालों को सिर्फ ठेंगा मिला है। खास बात यह है कि सरकार ने भी इससे संबंधित शासनादेश तब जारी किया है, जब विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है और विधानभवन के सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं विधान भवन रक्षकों के कंधों पर है।
दरअसल, विधानभवन रक्षकों का ग्रेड वेतन 2,000 से बढ़ाकर 2,400 रुपए किया जाना था और यह प्रकरण मुख्य सचिव समिति को पेश किया गया था। इस पर समिति ने अपना फैसला दे दिया और इसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
ग्रेड वेतन बढ़ाने का नहीं बनता औचित्य
समिति ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि विधानभवन रक्षकों का ग्रेड वेतन बढ़ाए जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। अत: इसे यथावत बनाए रखा जाए।
पौष्टिक आहार और धुलाई भत्ता बढ़ा
अब विधानभवन रक्षक अथवा हेड रक्षकों का पौष्टिक आहार भत्ता 750 रुपए से बढ़ाकर 900 रुपए कर दिया गया है। साथ ही धुलाई भत्ते में भी बढ़ोत्तरी की गई है। ये अब 60 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर 150 रुपए प्रतिमाह किया गया है।
पिछले बजट सत्र में विधायकों की बढ़ी थी सैलरी
साल 2015 के बजट सत्र में विधायकों की सैलरी बढ़ाए जाने की घोषणा की गई थी। इसके तहत विधायकों का मासिक वेतन आठ हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया और निर्वाचन भत्ता प्रतिमाह 22 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए, सचिवीय भत्ता 10 से बढ़ाकर 15 हजार रुपए, वाह्य चिकित्सा और सुविधा के बदले दी जाने वाली राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई।