ऐतिहासिक हस्तिनापुर को आइकोनिक साइट को विश्वस्तरीय बनाने की तैयारियां शुरु, महाभारत के इतिहास व साक्ष्य से रूबरू होंगे लोग

Meerut: हस्तिनापुर में जिस आइकोनिक साइट को बनाने के लिए कुछ साल पहले मोदी सरकार ने बजट के दौरान घोषणा की थी उसमें बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-02-18 13:03 GMT

हस्तिनापुर का आइकोनिक साइट (फोटो-सोशल मीडिया)

Meerut: भारत सरकार द्वारा देश के पुरातात्विक महत्व के पांच स्थलो को आईकोनिक साईट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है जिससे पर्यटन, सर्वेक्षण आदि को बढ़ावा मिलेगा। इन पांच स्थलों में से जनपद का ऐतिहासिक हस्तिनापुर भी शामिल है। भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक हस्तिनापुर कुरु वंश की राजधानी थी। कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम् का नायक दुष्यंत यहीं का शासक था।

हस्तिनापुर में जिस आइकोनिक साइट को बनाने के लिए कुछ साल पहले मोदी सरकार ने बजट के दौरान घोषणा की थी उसमें बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक हस्तिनापुर में 05 एकड की भूमि पर पुरातात्विक स्थल म्यूजियम (आर्केलोजिकल साईट म्यूजियम) बनाया जायेगा।

महाभारत के इतिहास व साक्ष्य 

आइकोनिक साइट को विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर काम चल रहा है। ताकि महाभारत के इतिहास व साक्ष्य से लोग रूबरू हो सकें। राष्ट्रीय संग्रहालय उसका एक भाग होगा। मेरठ पुरातत्व मंडल के अंतर्गत सिनौली में जिस तरह से आर्यों के बारे में थ्योरी बदल गई है।

जिलाधिकारी के0 बालाजी ने बताया कि हस्तिनापुर को आईकोनिक साईट के रूप में विकसित किया जायेगा। जिससे पर्यटन, सर्वेक्षण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होने बताया कि इसके लिए हस्तिनापुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा पुरातात्विक स्थल म्यूजियम (आर्केलोजिकल साईट म्यूजियम) बनाया जायेगा। इस म्यूजियम में देश के गौरवशाली विरासत को तथा खुदाई में मिल रहे अवशेषो को भी प्रदर्शित किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि आज संबंधित अफसरों की एक बैठक में उन्होने उक्त म्यूजियम के लिए 05 एकड़ भूमि को चिन्हित करने के लिए एसडीएम मवाना, पर्यटन विभाग व एएसआई को निर्देशित किया।

उन्होंने बताया कि जमीन चिन्हांकन कर प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा। म्यूजियम बनाने व उसमें प्रदर्शित की जाने वाली विभिन्न चीजो का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा किया जायेगा।

महाभारत काल में हस्तिनापुर अहम केंद्र था। संभावना जताई जा रही है कि यहां पांडव टीला समेत अन्य स्थलों की खोदाई की जाएगी तो बहुत कुछ नया और चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। पड़ोस के जिले सिनौली से जो अवशेष प्राप्त हुए थे, उससे पुरातत्व विभाग को एक नई दिशा दी। चूंकि मेरठ शहर में मेरठ पुरातत्व मंडल का मुख्यालय है।

यहीं पर हस्तिनापुर प्रमुख स्थान है। गौरतलब है कि महाभारत में सबसे ज्यादा महत्व अगर किसी जगह को दिया गया है, तो वो है हस्तिनापुर क्योंकि हस्तिनापुर कौरवों का राज्य हुआ करता था और महाभारत कथा हस्तिनापुर के आसपास ही घूमती है। ये तो आप सभी जानते होंगे हस्तिनापुर के लिए ही महाभारत का युद्ध हुआ था।

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