Meerut News: पूर्व मंत्री योगेन्द्र जाटव के नाम बना बीपीएल कार्ड, हर महीने लिया जा रहा 10-15 किलो चावल और गेहूं
Meerut News: दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री योगेन्द्र जाटव के नाम से एक बीपीएल कार्ड बनाया गया। हर महीने 10 किलो चावल और 15 किलो गेहूं लिया जा रहा है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में सरकारी नियमों को तार-तार करके अमीरों को बीपीएल कार्ड (BPL card) बना दिए गये। यही नही ऐसे बीपीएल कार्ड पर अमीरों को हर महीने राशन (har mahine rashan) भी दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला बसपा सरकार (bsp government) में रहे दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री योगेन्द्र जाटव ( Yogendra Jatav) का है, जिनके नाम से एक बीपीएल कार्ड बनाया गया। अचरज की बात यह है कि इस बीपीएल कार्ड पर हर महीने 10 किलो चावल और 15 किलो गेहूं लिया जा रहा है।
आपूर्ति विभाग (apurti vibhag) के स्थानीय अफसरों ने इस बारे में तो कुछ नही बताया कि आखिर करोड़पति योगेन्द्र जाटव के नाम से बीपीएल कार्ड कैसे बन गया। अलबत्ता घटना की जांच कराने की बात कही है। जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह (District Supply Officer Raghvendra Singh) का कहना है कि राशन कार्ड और सरकारी राशन की योजना अमीरों के लिए नहीं है। अगर पूर्व राज्यमंत्री के परिवार का बीपीएल राशन कार्ड है तो उसकी जांच कराकर निरस्त कराया जाएगा। राशन अंगूठे की छाप के बाद ही दिया जाता है। इसकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
हालांकि योगेन्द्र जाटव (Yogendra Jatav bayan) ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि उन्हें अपने नाम से बने बीपीएल कार्ड के बारे में अब तक कोई जानकारी नही है। उनका कहना है कि हमने अपना राशन कार्ड भी नहीं बनवाया है। फिर बीपीएल राशन कार्ड तो गरीबी रेखा से नीचे वालों का बनता है। मेरा कैसे बन गया मैं खुद आश्चर्य चकित हूं। क्योंकि मैं उस श्रेणी में आता ही नहीं हूं। बकौल योगेन्द्र जाटव, मैं इस मामले की शिकायत करुंगा। कौन है जिसने मेरे नाम से राशन कार्ड बनवाया है और मुझे खबर तक नही।
मई 2020 में योगेन्द्र जाटव के नाम बना राशन कार्ड
मिली जानकारी के अनुसार आपूर्ति विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार मई 2020 में बसपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे योगेन्द्र जाटव के नाम (Yogendra Jatav ke naam rashan card) से उनके भगवतपुरा के पते पर बीपीएल कार्ड संख्या 113840846379 बना। इस कार्ड में उनकी पत्नी किरन देवी, नमन, रविकुमार जाटव, अंजली के नाम दर्ज हैं। इस राशन कार्ड पर हर महीने तृतीय क्षेत्र में सुनीता गुप्ता श्यामनगर की दुकान से मुफ्त में राशन और चावल दिया जा रहा है।
इन्हें मिलता है राशन कार्ड
बता दें कि जैसा कि आपूर्ति विभाग के अफसरों का कहना है कि सरकारी नियम के अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवारों को ही बीपीएल राशन कार्ड का पात्र माना जा सकता है जिसके पास पक्का मकान न हो, घर में जेनरेटर, लाइसेंसी हथियार, दो पहिया और चौपहिया वाहन आदि न हो। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि फिर योगेन्द्र जाटव के नाम बीपीएल कार्ड कैसे और किसने बना दिया। जबकि योगेन्द्र जाटव के पास पास करोड़ों की संपत्ति है। अब जबकि योगेन्द्र जाटव ने भी साफ इंकार कर दिया है कि उन्होंने इस तरह का कोई राशन कार्ड नही बनवाया है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है कि आखिर किसी पूर्व मंत्री के नाम से बीपीएल राशन कार्ड बनवा कर गरीबों के राशन पर डाका डालने की हिम्मत भला किसने और कैसे की।
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