हरदोई में हाहाकार: फैल रहा खतरनाक जानलेवा डेंगू, रोकने में फेल हुआ प्रशासन
जिले में कोरोना वायरस लगातार कहर बरपाए है और कोरोना ने 3 हजार से अधिक लोगों को अपनी आगोश में ले रखा है जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है
हरदोई: जिले में कोरोना के बाद अब डेंगू का कहर है। हरदोई में डेंगू जानलेवा बनता चला जा रहा है और लगातार डेंगू से मौतें हो रही हैं। जिले में कई लोग डेंगू की चपेट में आकर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार महकमें जो है वह भी पूरी तरीके से मौन बैठे हैं।
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जिले में कोरोना वायरस लगातार कहर बरपाए है
जिले में कोरोना वायरस लगातार कहर बरपाए है और कोरोना ने 3 हजार से अधिक लोगों को अपनी आगोश में ले रखा है जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है ऐसे में जहां लोग कोरोना से भयभीत होकर रह रहे थे अब डेंगू ने डंक मारना शुरू कर दिया है और जिले में अब तक डेंगू से 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जन भर से अधिक लोग बीमार है।
कछौना में मेडिकल स्टोर संचालक मकरंद की डेंगू से मौत हो चुकी है
बात अगर डेंगू से हुई मौतों की हो तो पता चलता है कि पहली मौत डेंगू से प्रतापनगर के झरोइया गांव निवासी कैसरजहाँ की 31 अगस्त को लखनऊ में मौत हो चुकी है। कोथावां के सुल्तानपुर निवासी नंदलाल की 19 सितम्बर को अहिरोरी के वाजिदपुर के हरिनाम की 26 सितम्बर को 28 सितंबर को कछौना के रितेश की और इसके दूसरे दिन यहीं कछौना में मेडिकल स्टोर संचालक मकरंद की डेंगू से मौत हो चुकी है।
डेंगू से बीमार मरीजों की तो सीएचसी कोथावां और कछौना इलाके में डेंगू से कई लोग बीमार है।
अब अगर बात करें डेंगू से बीमार मरीजों की तो सीएचसी कोथावां और कछौना इलाके में डेंगू से कई लोग बीमार है।वहीं नगर पंचायत कछौना पतसेनी के रेलवेगंज में बुखार का कहर लगातार जारी है। स्वास्थ्य सेवा पर्याप्त न होने के कारण इलाज के अभाव में आम जनमानस मजबूर होकर झोलाछाप डॉक्टरों व निजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश हैं।
वर्तमान समय में मच्छर जनित संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है
बताते चलें कि वर्तमान समय में मच्छर जनित संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है। अधिकांश व्यक्ति बुखार से प्रभावित हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर समुचित इलाज के अभाव में मरीज झोलाछाप डॉक्टरों व निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने को विवश हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग विशेष संचारी अभियान चलाकर कागजों पर ही फीलगुड करा रहे हैं। ग्रामीण स्वच्छता समितियां भी कागजों पर ही संचालित हैं।
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आबादी के अनुपात में प्रशिक्षित डाक्टरों की भारी कमी है। वहीं ग्राम सभा में सफाई कर्मियों का कोई रोस्टर सार्वजनिक नहीं है। सफाई कर्मी नियमित रूप से ग्राम सभा में नहीं पहुंचते हैं। जिससे ग्राम सभा में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। मच्छरों के कारण तमाम तरीके की बीमारियां मलेरिया, डेंगू तेजी से फैल रही हैं। लोग इनकी चपेट में आकर अपनी जान तक दे रहे हैं। जिम्मेदार व्यक्ति समस्याओं की तरफ ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते हैं। जिसके कारण सफाई व्यवस्था, दवा छिड़काव, फागिंग कार्य नहीं किए जाते हैं।
मनोज तिवारी
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