PM कल दिखाएंगे 'मिशन इंद्रधनुष' को ग्रीन सिग्नल, जानें क्या है नाम के पीछे छुपा सच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा अपनी बातों व तेज दिमाग के लिए दुनियाभर में भी जाने जाते हैं। उनकी हर बातों के पीछे कोई न कोई मतलब जरूर छिपा रहता है। केंद्र स्तर पर आगाज हो रही 'मिशन इंद्रधनुष' योजना भी प्रधानमंत्री के गुणों का कायल दिख रही है।

Update: 2017-10-07 11:59 GMT

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा अपनी बातों व तेज दिमाग के लिए दुनियाभर में भी जाने जाते हैं। उनकी हर बातों के पीछे कोई न कोई मतलब जरूर छिपा रहता है। केंद्र स्तर पर आगाज हो रही 'मिशन इंद्रधनुष' योजना भी प्रधानमंत्री के गुणों का कायल दिख रही है।

मिशन इंद्रधनुष योजना का नाम इंद्रधनुष इसलिए पड़ा है क्योंकि इस अभियान के तहत 5 सालों में 7 बार बच्चों का टीकाकरण होना है। इंद्रधुनष में भी 7 रंगों को मुख्य रूप से देखा जाता है इसलिए केंद्र की इस योजना का सीधा संपर्क पीएम मोदी से दिख रहा है। पीएम मोदी इंद्रधुनष योजना को रविवार (8 अक्टूबर) को गुजरात से हरी झंडी दिखाकर देशभर में लागू करेंगे।

GST सुधार के संरचनात्मक मुद्दों को सुलझाने में सरकार विफल

मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत सरकार उन दो वर्ष तक के छोटे बच्चों का टीकाकरण कर रही है जो पहले किन्हीं कारणों से टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। 'मिशन इंद्रधनुष' एक विशेष अभियान है जो देशभर के कुछ चुनिन्दा जिलों में (जहां टीकाकरण कम है) 8 अक्टूबर से जनवरी 2018 तक चलेगा। इसमें खुशी की बात यह है कि यूपी के चिन्हित 52 जिलों एवं 08 शहरी क्षेत्रों को मिशन इंद्रधनुष के लिए शामिल किया गया है। इसका मतलब इस योजना का सीधा फायदा चुने हुए क्षेत्रों के बच्चों को मिल पाएगा। केंद्र सरकार की मिशन इंद्रधनुष योजना का उत्तर प्रदेश में आना यहां के बच्चों के लिए खुशखबरी है।

सचिव ने दिए हैं गंभीरता से आदेश

यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों को टीका निवारणीय रोगों से बचाव हेतु सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान को तेजी से चलाया जाए। उन्होंने चुने हुए जिलों के सीएमओ को इस बाबत जानकारी दे दी है और यह आदेश दिया है कि जल्द से जल्द अधिक से अधिक बच्चों के टीकाकरण का कार्य किया जाय।

इन जनपदों को किया गया है शामिल

अलीगढ़, अम्बेडकर नगर, औरैया, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, बुलन्दशहर, चित्रकूट, देवरिया, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, जौनपुर, कन्नौज, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव।

इन शहरी क्षेत्रों को मिली तवज्जो

मिशन इंद्रधुनष योजना में यूपी के आठ शहरी क्षेत्रों को स्थान मिला है। जिनमें आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ तथा वाराणसी हैं।

ऐसे करेंगे लोगों को जागरूक

अभियान की सफलता के लिए केंद्र सरकार ने लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय लिया है। जिसके तहत मीडिया कार्यशाला, रैली, प्रचार-प्रसार सामग्री का वितरण एवं प्रदर्शनी इत्यादि गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित जनपद, तहसील तथा ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को अभियान की सफलता के लिए नोडल अधिकारी नामित करने का निर्णय लिया गया है।

भारत सरकार की योजना

सघन मिशन इंद्रधनुष केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से देशभर में चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत उन स्थानों का चयन किया जाना है जहां पर बच्चे टीकाकरण करने से रह जाते हैं। सभी टीकें सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में लगेंगे। इसके लिए अस्पताल के किसी कर्मचारी को पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।

इस तरह से काम करेगा इंद्रधनुष

-आईएमआई चरण के 2 से 3 दिन पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के हर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।

-टीकाकरण अवरोध करने वाले परिवारों के बीच जाकर उनको लाभ बताने का काम करेंगे।

-अभिभावक व परिवार के सदस्यों को टीकाकरण जहां पर होना है उसकी जानकारी देंगे।

- टीकाकरण के समय एमसीपी कार्ड(टीकाकरण कार्ड) लेकर आने के लिए लोगों को बताएंगे।

-छुट्टी के दिन नहीं होगा टीकाकरण

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