Allahabad University: दर्शनशास्त्र विभाग का देश में बजा डंका, मिला एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया अवार्ड

Allahabad University: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को दर्शन पर शोध कार्य करने के लिए एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया चुना गया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-06-26 09:21 IST

Allahabad University (Pic: Social Media)

Allahabad University: पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक और किर्तिमान स्थापित किया है। लगातार खराब रैंकिंग को लेकर चर्चा में रहने वाले विश्वविद्यालय में रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य किये जा रहे हैं। छात्रों के हित में नए कोर्सों का संचालन भी किया जा रहा है। ज्ञान के साथ ही रोजगार को बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। इन सब के साथ दर्शन से संबंधित विषय पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने महारथ हासिल कर लिया है। विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को दर्शन पर शोध कार्य करने के लिए एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया चुना गया है। 

बना देश का सर्वश्रेष्ठ दर्शनशास्त्र विभाग

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रोफेसर जय कपूर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कश्मीर विश्वविद्यालय में हुए अखिल भारतीय दर्शन सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें देशभर के दर्शनशास्त्र विभाग के लोग शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में इस वर्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को दर्शन पर शोध कार्य एवं अच्छे सुविधाओं की वजह से एक्सीलेंस ऑफ द ईयर इन इंडिया चुना गया है। इससे पहले भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। दर्शनशास्त्र विभाग अपने कार्यों को लेकर देश में चर्चा का विषय बना रहा है। हालांकि देश में सबसे बेहतर विभाग बनना इसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बता दें कि दर्शनशास्त्र विभाग के मुख्य विभाग अध्यक्ष डॉक्टर ऋषिकांत पांडेय हैं। डॉक्टर पांडेय को आध्यात्मिक एवं दर्शन के ज्ञान के लिए जाना जाता है। अपने ज्ञान की वजह से डॉक्टर पांडेय दुनियाभर में ख्याति बटोर चुके हैं। 

देश में स्थापित किया दारश्निक रुझान

इलाहाबाद विश्विद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के इतिहास पर नजर डालें तो यह विभाग 1922 में स्थापित किया गया। अब तक इस विभाग से हजारों शोधार्थी शोध कर दुनिया में नाम कमा चुके हैं। इस विभाग ने नौ दशकों में 70 से अधिक किताबें और 600 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित कर पूरे देश में दर्शन के प्रति एक अतिरिक्त रुझान पैदा किया है। इस विभाग से विश्व के उत्कृष्ट दार्शनिक निकल चुके हैं। इनमें प्रो. पीएस बुरेल (संस्थापक प्रमुख), प्रो. एचएन रैंडल, प्रो. एई गफ, प्र जॉर्ज थिबॉट, प्रो. जेजी जेनिंग्स, प्रो. आरडी रानाडे, प्रो. एसी मुखर्जी, प्रो. आरएन कौल, प्रो. एस. दत्ता, प्रो. वीएस नरवाने, प्रो. एससी बिस्वास, प्रो. एसएस रॉय, प्रो. एसएल पांडे, प्रो. एसके सेठ, प्रो. जेएस श्रीवास्तव, प्रो. डीएन द्विवेदी, प्रो. आरएल सिंह और प्रो. आरएस भटनागर शामिल हैं। 

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