Mahakumbh 2025: बड़ी भविष्यवाणी, मौनी अमावस्या भगदड़ की, पहले ही बता दिया था इस ज्योतिषी ने

Mahakumbh 2025: ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला ने 7 जनवरी 2025 को ही ग्रहीय स्थितियों का आकलन करते हुए 29 जनवरी 2025 की घटना की ओर इशारा कर दिया था।;

Newstrack :  Network
Update:2025-02-04 20:56 IST

AAcharya News (Photo Social Media)

Mahakumbh 2025: देश के करोड़ों आस्थावान लोग महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त में होने वाले स्नान को लालायित थे। कुम्भ मेला क्षेत्र में लगातार लोगों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा था हालात इस कदर हो गए कि प्रयागराज में वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया। इसके बावजूद पैदल ही लोग कुम्भ स्नान के लिए बढ़ते जा रहे थे। रात तक स्थिति यह हो गई कि पूरा कुम्भ मेला क्षेत्र पैक हो गया। सबके मन में उत्साह था उछाह था ऐसे में किसी के मन में नहीं आ रहा था कि कोई हादसा भी हो सकता है। शायद व्यवस्था जुड़े लोग भी निश्चिंत थे। लेकिन ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला ने 7 जनवरी 2025 को ही ग्रहीय स्थितियों का आकलन करते हुए 29 जनवरी 2025 की घटना की ओर इशारा कर दिया था।

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ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला ने सात जनवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा था कि मां गंगा यमुना सरस्वती का पावन तट है। मकराभिलाषी भगवान भास्कर मकर रेखा पर आने जा रहे हैं। इस तरह आगे बढ़ रहे हैं। स्वर्गलोक सा आनन्द है यहां पर प्रयाग कुम्भ पर, पचासों करोड़ सनातनधर्मियों का यहां पर मेला लगने जा रहा है। समस्त जन्म जन्मांतर के पापों को नष्ट करने की शक्ति इस जल में है। इस भूमि में है अंतरदृष्टि देने की शक्ति। उस अंतरदृष्टि के द्वारा ये संसार क्या है ब्रह्माण्ड क्या परमात्मा क्या है ये सब कुछ दिखाई देता है। इसी कारण से ऋग्वैदिक काल से ही इस स्थान पर मेला लगता है। मात्र अंतरदृष्टि प्राप्त करने के लिए अमृतत्व प्राप्त करने के लिए लोग यहां आ रहे हैं अपने जन्म जन्मांतर के पापों को नष्ट करने केलिए कारण पाप ही सभी दुखों का कारण है। आज जिस प्रकार से हमारे देश की परिस्थितियां चल रही हैं। चूंकि कुम्भ राशि में शनि भी है वृषभ में ब्रहस्पत है मकर में सूर्य आ रहे हैं तो हलका सा प्राकृतिक आपदाएं और विघ्न वाली शक्तियां भी इस महाकुम्भ में प्रभावी हैं। समस्त देश वासियों को और हमारी सरकार को चाहिए सुरक्षा के लिए और बाहरी प्राकृतिक विघ्न न आए इसके लिए सभी श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सतर्क रहेंगे तो इस जगह की अलौकिकता अमृतत्व प्रदान करेगी इसमें कोई संशय की बात नहीं। जय हिंद जय भारत।जय प्रयागराज जय गंगा मैया की।


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