Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या अमृत स्नान की भव्यता की भरपाई के लिए अखाड़े तैयार, कुछ इस अंदाज में होगा बसंत पंचमी का अमृत स्नान

Mahakumbh 2025: बसंत पंचमी का पर्व महाकुम्भ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान है। परंपरा अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान करेंगे।;

Report :  Dinesh Singh
Update:2025-02-02 21:04 IST

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: सनातन आस्था के महापर्व महाकुम्भ में बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए अखाड़ों में गजब का उत्साह है। मौनी अमावस्या के हादसे के बाद अखाड़े के संतों और श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है।

अखाड़ों में हो रही हैं अमृत स्नान की भव्य तैयारियां

 बसंत पंचमी का पर्व महाकुम्भ का तीसरा और अखिरी अमृत स्नान है। परंपरा अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान करेंगे। अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मण्डलेश्वरों, महामण्डलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल,मालों और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है। महामण्डलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया जा रहा है। नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन करेंगे। सयम और क्रम के अनुसार सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे। उनके साथ मण्डलेश्वरों और महामण्डलेश्वरों के रथ और घोड़ों के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं।

सोने और चांदी के सिंहासन पर सवार होकर आयेंगे संत

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के बाद अब सभी अखाड़ों में बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि मौनी अमावस्या में परिस्थितियों की वजह से अखाड़ों ने अपने पूर्ण वैभव और लाव लश्कर के साथ अमृत स्नान नहीं किया था लेकिन बसंत पंचमी का अमृत स्नान सभी अखाड़े पूरी दिव्यता और भव्यता के साथ करेंगे। आचार्यों के रथ और महा मंडलेश्वरों के सिंहासन फूलों की लड़ियों से सजाए जाएंगे। गाजे बाजे के साथ नागा संन्यासियों के लम्बे जुलूस इसकी शोभा बढ़ाएंगे। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद का कहना है कि उनके अखाड़े के आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी महराज स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होकर बसंत पंचमी का अमृत स्नान करने जाएंगे। कई अखाड़ों ने अपने आचार्यों किए रजत सिंहासन भी बनाएं हैं। फूलों की लड़ियों से सजे रथों में होंगे संतों के दर्शन।

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