UP News: बिजली पंचायत में संघर्ष समिति ने निजीकरण का जताया कड़ा विरोध, 'करो या मरो' की भावना से संघर्ष का हुआ निर्णय

UP News: प्रयागराज में जार्ज टाऊन में आज हुई बिजली पंचायत मेंहजारों की संख्या में बिजली कर्मचारी, अभियंता और उपभोक्ता भी सम्मिलित हुए। संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान सभा के लोग बड़ी संख्या में बिजली पंचायत में आए। बिजली पंचायत में निजीकरण के विरोध में 'करो या मरो' की भावना से निर्णायक संघर्ष का निर्णय लिया गया।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-05 16:46 IST

बिजली पंचायत में संघर्ष समिति ने निजीकरण का जताया कड़ा विरोध, 'करो या मरो' की भावना से संघर्ष का हुआ निर्णय- (Photo- Newstrack)

UP News: उत्तर प्रदेश के जनपद प्रयागराज में बिजली के निजीकरण के विरोध में संघर्ष समिति द्वारा बिजली पंचायत के आयोजन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की गई कि वे बिजली के निजीकरण का पॉवर कारपोरेशन का प्रस्ताव आम उपभोक्ताओं और किसानों के हित में वापस लें। प्रयागराज में जार्ज टाऊन में आज हुई बिजली पंचायत में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारी, अभियंता और उपभोक्ता भी सम्मिलित हुए। संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान सभा के लोग बड़ी संख्या में बिजली पंचायत में आए। बिजली पंचायत में निजीकरण के विरोध में 'करो या मरो' की भावना से निर्णायक संघर्ष का निर्णय लिया गया।

संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन पर आरोप लगाया कि प्रबंधन मा. उच्च न्यायालय द्वारा विगत 05 नवम्बर को दिए गए आदेश का पालन नहीं कर रहा है जिसमें पॉवर कारपोरेशन और सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि वे बिजली कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु ग्रीवांस रिड्रेसल व्यवस्था बनाए। मा. उच्च न्यायालय ने विगत 20 मार्च 2023 को आदेश दिया था कि प्रबन्धन द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत का सिलसिला जारी रखा जाय।

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पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण की जल्दी में

संघर्ष समिति ने कहा कि प्रयागराज में आज यह कहते हुए बहुत अफसोस हो रहा है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने निजीकरण से होने वाली समस्याओं पर आज तक बार बार अनुरोध के बावजूद संघर्ष समिति से कोई वार्ता नहीं की गई है। इससे स्पष्ट है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण की इतनी जल्दी में है कि उसे मा. उच्च न्यायालय के आदेश की भी कोई परवाह नहीं है।

संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, औरंगाबाद, नागपुर,जलगांव, समस्तीपुर, गया, भागलपुर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर,आगरा और ग्रेटर नोएडा में पूरी तरह विफल हो चुका है। अतः निजीकरण के इस विफल प्रयोग को देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश में लागू करना उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के हित में नहीं होगा।

संघर्ष समिति ने कहा कि जहां सरकारी क्षेत्र की कंपनी के लिए बिजली एक सेवा है वहीं निजी घरानों के लिए बिजली एक व्यापार है। उप्र की सरकारी बिजली कंपनियां घाटा उठाकर किसानों और आम घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली दे रही है।

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सिर्फ अपने मुनाफे के लिए काम करती हैं निजी बिजली कंपनियां

दूसरी ओर निजी बिजली कंपनियां मुनाफे के लिए काम करती हैं। मुम्बई में टाटा पावर और अदानी पॉवर काम करती हैं और मुम्बई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए निजी कंपनी की बिजली की दरें 17-18 रुपए प्रति यूनिट है। उप्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की अधिकतम दरें 06.50 प्रति यूनिट है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए महंगी हो जाएगी

सरकारी क्षेत्र में किसानों को मुफ्त बिजली मिलती है। निजीकरण होते ही घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कम से कम 15 रुपए प्रति यूनिट बिजली की दरें हो जाएगी। 05 हॉर्स पावर के ट्यूबवेल के 06 घण्टे चलने पर लगभग 15000 रुपए प्रति यूनिट का बिल आएगा। बिजली का निजीकरण किसानों और सामान्य उपभोक्ताओं की कमर तोड़ देगा।

संघर्ष समिति ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपए की बिजली की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की 21-21 जनपदों की सारी जमीन निजी घरानों को मात्र 01 रुपए प्रति वर्ष की लीज पर दी जाएगी। बिजली निगमों की लाखों करोड़ों रुपए की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बिना मात्र 1500-1600 करोड़ रु की रिजर्व प्राइस पर बेचने का डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है जो किसी भी प्रकार प्रदेश के हित में नहीं है।

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बिजली निगमों के निजीकरण का निर्णय निरस्त करने की मुख्यमंत्री से अपील

प्रयागराज बिजली पंचायत में एक प्रस्ताव के जरिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पर पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अपील की गई कि प्रदेश के व्यापक हित में बिजली निगमों के निजीकरण का निर्णय निरस्त करने की कृपा करें।

बिजली पंचायत में बिजली कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि महाकुंभ के दौरान श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु बिजली कर्मी दिन रात प्रयास करेंगे और श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाएंगे।

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बिजली पंचायत में उपस्थित रहे

प्रयागराज बिजली पंचायत को मुख्यतया शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पी के दीक्षित, सुहेल आबिद, श्रीचन्द, वी सी उपाध्याय, जवाहर लाल विश्वकर्मा, छोटे लाल दीक्षित, राम कुमार झा, माया शंकर तिवारी, प्रेमनाथ राय, आर एस मिश्र, डा आशीष मित्तल, घनश्याम राय, संयुक्त किसान मोर्चा के एकादशी यादव ने संबोधित किया और एटक, इंटक, सीटू, ऐक्टू और अन्य ऑल इंडिया ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों ने समर्थन दिया।

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