Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ की सेंसेशन हर्षा रिछारिया के खिलाफ महिला संन्यासियों ने खोला मोर्चा, बोली माफी मांगे हर्षा

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में अचानक सुर्खियां बनी एंकर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हर्षा रिछारिया का पहले अमृत स्नान में भगवा वस्त्र धारण महा मंडलेश्वर के रथ में सवार होकर आना विवाद की जड़ बनता जा रहा है।;

Report :  Dinesh Singh
Update:2025-01-17 21:22 IST

 Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025 ( Pic- Social- Media)

Mahakumbh 2025:  प्रयागराज महाकुंभ में सुर्खियां बटोर रही सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और एंकर हर्षा रिछारिया के खिलाफ संतो का विरोध बढ़ता जा रहा है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरुप की तरफ से हर्षा रिछारिया के खिलाफ सवाल खड़े किए जाने के बाद अब संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महिला संतो ने भी मोर्चा खोल दिया है।

हर्षा अपने गुरु और सनातन धर्मावलंबियों से मांगें माफी

प्रयागराज महाकुंभ में अचानक सुर्खियां बनी एंकर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हर्षा रिछारिया का पहले अमृत स्नान में भगवा वस्त्र धारण महा मंडलेश्वर के रथ में सवार होकर आना विवाद की जड़ बनता जा रहा है। इस बार संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा जो महिला संन्यासियों की प्रतिनिधि संस्था है ने हर्षा पर सवाल खड़े करते हुए आपत्ति जाहिर की है। संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की वरिष्ठ संत दिव्या गिरी ने इस मामले में खुल कर विरोध किया है। दिव्या गिरी का कहना है कि भगवा वस्त्र धारण करने का अधिकार अखाड़ों की मान्यता में उसी नारी को दिया गया है जो पूरी तरह साध्वी के मानकों के खरी उतरे और एक बार भगवा धारण करने के बाद वह वापस गृहस्थ में नहीं जा सकती। अगर हर्षा अपने को साध्वी नहीं कहती तब भी वह कमर के नीचे भगवा नहीं पहन सकती । और अगर खुद को साध्वी कहती हैं तब तो एक बार भगवा धारण करने के बाद उसे त्यागने का विचार उस भगवा का अपमान है जिसे भगवा धर्म ध्वजा के नीचे साध्वी बनाने में धारण कराया जाता है। दोनों ही परिस्थिति में हर्षा ने भगवा का अपमान किया है। इसके लिए हर्षा को अपने गुरु और सनातन धर्मावलंबियों से माफी मांगनी चाहिए।

कई संत कर चुके हैं हर्षा का विरोध

मकर संक्रांति के अमृत स्नान में जितनी सुर्खियां नागा संन्यासी नहीं बन पाए उससे अधिक सुर्खियां भगवा वस्त्र पहनकर एक संत के रथ पर सवार होकर सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और एंकर हर्षा रिछारिया बन गई। हर्षा का वीडियो वायरल होते ही सबसे पहले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सामने आए और उन्होंने इसकी जमकर आलोचना की । इसके बाद बारी थी शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरुप की । उन्होंने कहा कि, “महाकुंभ में इस तरह की परंपरा शुरू करना पूरी तरह गलत है. यह विकृत मानसिकता का नतीजा है. महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता देख जाना चाहिए था”.

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