Prayagraj Flood: लेटे हनुमान जी तक पहुंचा पानी, सड़कों पर हो रहा अंतिम संस्कार, खतरे में 3 हजार नाविकों की जीविका

Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई है। संगम के सटे तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-08-08 12:50 IST

सड़कों पर हो रहा अंतिम संस्कार (Pic: Social Media)

Flood in Prayagraj: तीर्थराज प्रयाग में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। माता टीला बांध से गंगा में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाे का असर भी गंगा में दिख रहा है। शहर के तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। संगम स्थित लेटे हनुमान जी का मंदिर जलमग्न हो गया है। श्मशान घाट में पानी भर जाने से सड़कों पर तराई इलाकों में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लोग सुरक्षित स्थान पर पलायन करने को मजबूर हैं। प्रयागराज में रह रहे पढ़ने वाले छात्रों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।  

सड़कों पर हो रहा अंतिम संस्कार

प्रयागराज के दारागंज में श्मशान घाट संगम क्षेत्र में है। गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से घाट जलमग्न हो गया है। पंडा, पुजारियों की झोपड़ियां पानी में डूब गई हैं। संगम क्षेत्र में दूर-दूर तक केवल पानी ही नजर आ रहा है। नागवासुकि मंदिर से लेकर लेटे हनुमान जी के मंदिर तक पानी भर गया है। ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार करने में भी काफी परेशानी हो रही है। लोग सड़कों पर शव जलाने को मजबूर हैं। सड़क किनारे लाशों को जलाया जा रहा है। बाढ़ का पानी निचले इलाकों में भी बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है। साथ ही सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है।


नाविकों की जीविका पर खतरा

संगम क्षेत्र में पानी भर जाने से नाविकों की जीविका पर भी असर पड़ा है। नदी का जलस्तर बढ़ने से नाव चलाना मुश्किल है साथ ही पर्यटकों की संख्या न के बराबार है। ऐसे में पर्यटकों को नाव पर सैर करा के जीवन यापन करने वाले तीन हजार नाविकों को आर्थिक नुकसान हुआ है। नाविकों ने अपनी नाव को आदिशंकर मंडपम् के सामने बांंध कर ताला लगा दिया है। बारिश के दो महीनों में उन्हें आर्थिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का कहर

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है। प्रयागराज ही नहीं वाराणसी में भी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब 80 घाट जलमग्न हो गए हैं। लखीमपुर, फतेहपुर, चित्रकूट, गोरखपुर सहित अवध के कई क्षेत्रों में बाढ़ से स्थिति बिगड़ रही है। जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहा है। साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।    

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