Prayagraj News: यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को तीन साल की सजा, जानें क्या था मामला
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनायी है।
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनायी है। कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी पर दस लाख का जुर्माना लगाया है। स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट डॉ दिनेश चंद्र शुक्ला फैसला सुनाया है। पूर्व मंत्री को कोर्ट से हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि, पूर्व मंत्री की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। कुछ ही देर में कोर्ट जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करेगी।
बता दें कि पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में इंस्पेक्टर रामसुख राम ने प्रयागराज के मुठ्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच विजिलेंस को सौंप दी गई थी। विजिलेंस ने जांच के बाद चार्जशीट वाराणसी जिला कोर्ट में दाखिल की थी। हालांकि बाद में यह केस एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। पूर्व मंत्री एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच बसपा की सरकार में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे थे।
आय से अधिक संपत्ति का है मामला
इस दौरान आय से समस्त वैध स्रोतों से उन्होंने 49 लाख 49 हजार 928 रुपये अर्जित किए। इस दौरान संपत्ति अर्जन और भरण पोषण पर दो करोड़ 67 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया। जो आय के सापेक्ष 2 करोड़ 17 लाख से अधिक है। जिसका जांच में संतोषजनक स्पष्टीकरण पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी नहीं दे सके थे। इस मामले के बाद बसपा ने उन्हें पार्टी से निकला दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) ने राकेश धर त्रिपाठी को प्रतापपुर सीट से चुनाव लड़वाया था।