Amit Shah-Yogi Mahakumbh 2025: अमित शाह ने संतों के साथ महाकुम्भ में लगाई आस्था की डुबकी

Amit Shah-Yogi Mahakumbh 2025: गुजरात की अपनी हालिया यात्रा के दौरान शाह ने महाकुंभ के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला और सभी से इस आयोजन में शामिल होने का आग्रह किया, जो हर 144 साल में एक बार होता है।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-27 11:50 IST

Amit Shah Kumbh Snan News (Photo Social Media)

Amit Shah-Yogi Mahakumbh 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को प्रयागराज महाकुंभ में आज संतों महंतों के साथ आस्था की डुबकी लगाई। इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी साथ रहे। कुम्भ में डुबकी लगाने से पहले अमित शाह ने सीएम योगी के साथ संतों से मंत्रणा भी की।  अमित शाह ने जब कुम्भ के पवित्र जल में स्नान किया तो साधु संतों ने आशीर्वाद भी दिया। 

बता दें कि योगी आदित्यनाथ पहल से ही कुम्भनगरी में हैं। अमित शाह का यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ। कड़ाके की सर्दी के बावजूद, हजारों श्रद्धालु इस पवित्र परंपरा में भाग लेने के लिए त्रिवेणी संगम पर उमड़ रहे हैं। अब तक, 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं, जो महाकुंभ में अभूतपूर्व उपस्थिति को दर्शाता है।

महाकुंभ के 15वें दिन गृह मंत्री अमित शाह स्नान करेंगे। देशभर के सनातनियों को एकजुट करने के लिए मेला क्षेत्र में धर्म संसद का भी आयोजन किया जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार अमित शाह सुबह 11:25 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वह 11:50 बजे हेलीकॉप्टर से डीपीएस हेलीपैड पहुंचेंगे और दोपहर 12 बजे अरैल घाट पहुंचेंगे। वहां से वह नाव से वीआईपी जेट्टी पहुंचेंगे और दोपहर 12:15 बजे वहां पहुंचेंगे। वह संगम स्नान करेंगे और गंगा पूजन करेंगे। गृहमंत्री के सतपाल महाराज के सद्भावना सम्मेलन में भी शामिल होने की संभावना है।

शाह ने महाकुंभ के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला

गुजरात की अपनी हालिया यात्रा के दौरान शाह ने महाकुंभ के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला और सभी से इस आयोजन में शामिल होने का आग्रह किया, जो हर 144 साल में एक बार होता है। उन्होंने कहा, “कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है। यह यह नहीं पूछता कि आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं। भोजन बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध है। दुनिया में कोई भी आयोजन महाकुंभ से अधिक एकता का संदेश नहीं देता है।” शाह ने गुजरात के युवाओं को महाकुंभ का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि वह अपने जीवन में नौ बार कुंभ गए हैं और अर्ध कुंभ भी देखा है।

इसके साथ ही, सेक्टर 17 में शांति सेवा शिविर में आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर की अगुआई में विराट सनातन धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इस सभा में शंकराचार्य, 13 अखाड़ों के प्रमुख और देशभर के साधु-संत भाग लेंगे। धर्म संसद का उद्देश्य सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच एकता को बढ़ावा देना है।

सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक महाकुम्भ 13 जनवरी को 'पवित्र स्नान' के साथ शुरू हुआ था और इसका दूसरा दिन मकर संक्रांति पर्व के रूप में मनाया गया, जो कि 'अमृत स्नान' के साथ मेल खाता है। यह उत्सव 26 फरवरी को महा शिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। आगामी पवित्र स्नान तिथियों में 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं।

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